फुलवारीशरीफ, अजित। विश्व खाद्य दिवस 2025 के अवसर पर बिहार राज्य उत्पादकता परिषद और पटना प्रबंधन संघ ने बिहार उद्योग संघ के सहयोग से गुरुवार को उद्योग भवन, पटना में ‘बेहतर खाद्य और बेहतर भविष्य के लिए हाथ मिलाना’ विषय पर एक गोलमेज सम्मेलन का आयोजन किया।
कार्यक्रम का उद्देश्य पौष्टिक खाद्य पदार्थों के महत्व को रेखांकित करना और एक शांतिपूर्ण, टिकाऊ व खाद्य-सुरक्षित विश्व की दिशा में सामूहिक प्रयासों पर चर्चा करना था. सम्मेलन में इस बात पर जोर दिया गया कि स्थानीय संसाधनों, पारंपरिक फसलों और तकनीकी नवाचारों के माध्यम से खाद्य सुरक्षा को मजबूत किया जा सकता है।
मुख्य वक्ता के रूप में आईसीएआर के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. आशुतोष उपाध्याय ने कहा कि बेहतर खाद्य उत्पादन केवल कृषि तक सीमित नहीं, बल्कि इसमें विज्ञान, तकनीक और जागरूकता का समन्वय आवश्यक है. उन्होंने फसल स्वास्थ्य आकलन, ड्रोन तकनीक और कृत्रिम बुद्धिमत्ता के उपयोग की संभावनाओं पर विस्तार से चर्चा की।
कार्यक्रम का शुभारंभ बीएसपीसी अध्यक्ष डी. के. श्रीवास्तव के स्वागत भाषण से हुआ, जिन्होंने पौष्टिक आहार और संतुलित भोजन के महत्व पर प्रकाश डाला. महासचिव अधिवक्ता बसंत कुमार सिन्हा ने किसानों को अधिकतम उत्पादन और टिकाऊ खेती की दिशा में प्रेरित करने की आवश्यकता बताई।
चर्चा में पटना मैनेजमेंट एसोसिएशन के सचिव इंजीनियर एम. के. दास, प्रो. ए. के. वर्मा और प्रो. अनिल के. प्रसाद सहित कई विशेषज्ञों ने विचार व्यक्त किए। अंत में अधिवक्ता शांतनु कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। सम्मेलन में यह भी तय किया गया कि स्कूल स्तर पर जागरूकता बढ़ाने के लिए किचन गार्डनिंग, पारंपरिक फसलों की खेती और स्थानीय खाद्य पदार्थों को बढ़ावा देने के कार्यक्रम चलाए जाएंगे।
