फुलवारी शरीफ, अजीत . एम्स पटना में विश्व ग्लूकोमा सप्ताह (9-15 मार्च 2025) के अवसर पर ग्लूकोमा जागरूकता पदयात्रा का आयोजन किया गया. इस पहल का उद्देश्य ग्लूकोमा के प्रति जागरूकता बढ़ाना और इससे होने वाली दृष्टि हानि को रोकने के उपायों के बारे में जनता को जानकारी देना था. इस बार इसका थीम: “भविष्य को स्पष्ट रूप से देखें” रखा गया था.विभागाध्यक्ष प्रो. (डॉ.) अमित राज ने विश्व ग्लूकोमा सप्ताह के दौरान जागरूकता बढ़ाने के लिए विभिन्न गतिविधियों की जानकारी दी. नेत्र रोग विभाग के संकाय सदस्य, रेजीडेंट डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ, कर्मचारी और छात्र ग्लूकोमा जागरूकता नारों वाले बैनर, पोस्टर और तख्तियों के साथ कार्यक्रम में शामिल हुए
यह पदयात्रा ओपीडी फोयर क्षेत्र से शुरू होकर गेट नंबर 1 से मुख्य सड़क पर निकली और फिर गेट नंबर 4 से वापस परिसर में प्रवेश कर आईपीडी फोयर क्षेत्र में समाप्त हुई. इस दौरान 200 से अधिक संकाय सदस्यों, डॉक्टरों, नर्सों, पैरामेडिक्स और कर्मचारियों ने भाग लिया.
एम्स पटना के कार्यकारी निदेशक प्रो. (डॉ.) सौरभ वाष्र्णेय ने ग्लूकोमा के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए नेत्र विभाग की सराहना की.
प्रो. (डॉ.) अनूप कुमार, डीन (परीक्षा) एवं चिकित्सा अधीक्षक ने 40 वर्ष की आयु के बाद नियमित नेत्र परीक्षण के महत्व पर जोर दिया.
प्रो. (डॉ.) पूनम भदानी, डीन (छात्र मामले) ने बताया कि एम्स पटना का नेत्र रोग विभाग ग्लूकोमा के निदान और उपचार के लिए अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है.
प्रो. (डॉ.) संजय पांडे, डीन (शोध) ने शुरुआती पहचान द्वारा स्थायी अंधेपन को रोकने पर बल दिया.
ग्लूकोमा क्लिनिक की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. दिव्या केसरवानी ने अतिथियों और प्रतिभागियों का स्वागत किया और कार्यक्रम का संचालन किया.
इस अवसर पर कई विभागाध्यक्ष और वरिष्ठ चिकित्सकों ने भाग लिया, जिनमें प्रो. (डॉ.) उमेश भदानी (एनेस्थिसियोलॉजी), प्रो. (डॉ.) संजीव कुमार (सीटीवीएस), डॉ. अनिल कुमार (ट्रॉमा), डॉ. आनंद राय (न्यूरोलॉजी), डॉ. पंकज (न्यूक्लियर मेडिसिन) सहित कई अन्य विशेषज्ञ शामिल थे.
अंत में, डॉ. भावेश चंद्र साहा, एसोसिएट प्रोफेसर एवं ग्लूकोमा क्लिनिक प्रभारी ने सभी प्रतिभागियों और अतिथियों को धन्यवाद ज्ञापित किया.