बिहार

आसव हॉस्पिटल मुजफ्फपुर में वर्ल्ड अल्जाइमर पर लोगों को किया जागरूक

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पटना, न्यूज क्राइम 24। मुजफ्फपुर .आसव हॉस्पिटल मुजफ्फपुर में वर्ल्ड अल्जाइमर पर एक जागरुकता प्रोग्राम का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया। आसव हॉस्पिटल मुजफ्फपुर के न्यूरो सर्जन डॉक्टर प्रदीप ने कहा कि हम सभी लोग कुछ न कुछ भूल ही जाते हैं, चाहे वो कोई बात हो, कहीं कोई चीज़ रखी हो या परीक्षा देते हुए उत्तर।अगर आप बस कुछ ही बातें भूलते हैं तो यह सामान्य बात है। लेकिन अगर आप गंभीर बातें भूल रहे है तो यह अल्जाइमर बीमारी के लक्षण हो सकते हैं।अक्सर लोग इन बातों को नजर अंदाज कर देते है लेकिन अल्जाइमर के शुरुआती लक्षण,कुछ ऐसे ही होते हैं।

यह रोग एक मानसिक विकार है, जिसके कारण मरीज की याद्दाश्त कमजोर हो जाती है और उसका असर दिमाग के कार्यों पर पड़ता है। आमतौर पर यह मध्यम उम्र या वृद्धावस्था में दिमाग के ऊतकों को नुकसान पहुंचने के कारण होता है लेकिन कुछ मामलों में यह युवाओं को भी होता है।यह डिमेंशिया का सबसे आम प्रकार है, जिसका असर व्यक्ति की याद्दाश्त, सोचने की क्षमता, रोजमर्रा की गतिविधियों पर पड़ता है। आसव हॉस्पिटल के न्यूरो सर्जन डॉक्टर प्रदीप ने इसपर बात करते हुए कहा कि अल्जाइमर का सही कारण अब तक ज्ञात नहीं है।

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हालांकि पाया गया है कि यह जेनेटिक फैक्टर, डिप्रेशन, सिर की चोट, उच्च रक्तचाप, मोटापे के मरीजों में अधिक होता है। उन्होंने अल्जाइमर के मरीजों की डाइट पर बात करते हुए कहा कि शरीर को मजबूत और स्वस्थ रखने के लिए उचित पोषण महत्वपूर्ण है। अल्जाइमर या मनोभ्रंश से पीड़ित व्यक्ति के लिए, खराब पोषण व्यवहार संबंधी लक्षणों को बढ़ा सकता है और वजन घटाने का कारण भी बन सकता है। मरीज के खाने में सब्जियाँ, फल, साबुत अनाज, कम वसा वाले डेयरी उत्पाद और दुबले प्रोटीन वाले खाद्य पदार्थ का उपयोग अधिक होना चाहिए।

उन्होंने आगे कहा कि जैसे-जैसे बीमारी बढ़ती है, भूख न लगना और वजन कम होना चिंता का विषय बन सकता है। ऐसे मामलों में कैलोरी बढ़ाने के लिए भोजन के बीच पूरक आहार का सुझाव दिया जा सकता है।इस बीमारी के लक्षण ज्यादातर बुजुर्गो में देखने को मिलता है साठ साल के बाद लक्षण सामने आते हैं। हालांकि रेयर केस में कम उम्र के भी मरीज मिलते हैं लेकिन पोस्ट रिटायरमेंट मरीजों की संख्या ज्यादा होती है। वह यह भी बताते हैं कि अभी अल्जाइमर को लेकर सही इलाज की तलाश जारी है लेकिन डॉक्टर ऐसे रोग से ग्रसित मरीजों के लिए मेमोरी इन्हेंसर दवाएं देते हैं।

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