अररिया(रंजीत ठाकुर): जिले में मिशन इंद्रधनुष के तीसरे व आखिरी चरण की शुरुआत बुधवार को हुई। इसे लेकर रजोखर के फकीर टोला वार्ड संख्या पांच स्थित आंगनबाड़ी केंद्र पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान सिविल सर्जन डॉ विधानचंद्र सिंह ने बच्चों को दवा पिलाकर अभियान की शुरुआत की। इस क्रम में सिविल सर्जन ने अभियान संबंधी तैयारियों के संबंध में संबंधित अधिकारियों से जरूरी पड़ताल की। साथ ही कार्यक्रम के सफल संचालन को लेकर अधिकारियों को कई जरूरी निर्देश दिये गये। मौके पर एसएमसी यूनिसेफ आदित्य कुमार, एसएमओ डब्ल्यूएचओ शुभान अली, विवेक कुमार, अररिया पीएचसी प्रभारी डॉ जावेद, बीएचएम सईदुर्रजमा, बीसीएम मो सरवर, बीएमएनई अबु सुफियान, यूनिसेफ के जय झा सहित अन्य मौजूद थे।
गंभीर बीमारियों से बचाव के लिये टीकाकरण जरूरी :
सिविल सर्जन ने बताया कि मिशन इंद्रधनुष की वजह से नियमित टीकाकरण के मामले में जिले के प्रदर्शन में अपेक्षित सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि टीकाकरण छोटे उम्र के बच्चे व गर्भवती महिलाओं को कई जानलेवा बीमारियों से बचाता है। साथ ही सुरक्षित व सामान्य प्रसव के लिहाज से भी टीकाकरण महत्वपूर्ण है। पूर्ण टीकाकरण बच्चों के समुचित शारीरिक व मानसिक विकास के लिये जरूरी है। उन्होंने बताया कि 0-2 साल के बच्चों को बीसीजी, पेंटावेलेंट, ओपीवी, आईपीवी, रोटा वैक्सीन, मिजल्स, विटामिन ए, डीपीटी बूस्टर डोज, मिजल्स बूस्टर डोज व बूस्टर ओपीवी के अलावा जेएई से बचाव को लेकर टीका लगाना अनिवार्य है। अभियान के क्रम में गर्भवती महिलाओं को टेटनेस-डिप्थीरिया का टीका लगाया जाना है।
दो साल के 4566 बच्चे व 778 गर्भवती को टीका लगाने का लक्ष्य :
अभियान के संबंध में जानकारी देते हुए डीआईओ डॉ मोईज ने बताया कि अभियान के क्रम में दो साल से कम उम्र के 4566 बच्चे व 778 गर्भवती महिलाओं को टीका लगाने का लक्ष्य निर्धारित है। इसके लिए जिले में 306 स्थानों पर टीकाकरण सत्र का संचालन किया जाना है। डीआईओ ने कहा कि अभियान की सफलता को लेकर चिह्नित स्थानों पर टीकाकरण से वंचित बच्चे व गर्भवती महिलाओं का सर्वे किया गया है। सत्र के निर्धारण में कम आच्छादन वाले चिह्नित इलाकों को प्राथमिकता दी गयी है। ईंट भट्ठा, दूर-दराज के ग्रामीण इलाके, मलिन बस्तियां को इसमें शामिल किया गया है।
अभियान की सफलता को लेकर की गयी है जरूरी तैयारी :
डीपीएम स्वास्थ्य रेहान अशरफ ने बताया कि अभियान की सफलता को लेकर सभी जरूरी तैयारियां की गयी हैं। सहयोगी संस्था के प्रतिनिधियों को विभिन्न प्रखंडों में अभियान के अनुश्रवण का जिम्मा सौंपा गया है। हर दिन संध्याकालीन बैठक में अभियान संबंधी प्रगति की समीक्षा की जानी है। अभियान के सफल संचालन को लेकर ग्रामीण इलाकों में सघन प्रचार अभियान संचालित किया जा रहा है। साथ ही क्षेत्र की आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को घर-घर जाकर लोगों को टीकाकरण के लिये प्रेरित करते हुए उनका टीकाकरण सुनिश्चित कराने का जिम्मा सौंपा गया है।