अररिया(रंजीत ठाकुर): जिले में नियमित टीकाकरण को बढ़ावा देने की कवायद जारी है। इसी क्रम में जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन बुधवार को हुआ। शहर के आजाद एकेडमी में आयोजित प्रशिक्षण में जिले के विभिन्न प्रखंडों की कुल 41 एएनएम को नियमित टीकाकरण से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी दी गयी। दो दिवसीय प्रशिक्षण में सिविल सर्जन विधानंचद्र सिंह, डीआईओ डॉ मोईज, अररिया पीएचसी के एमओ मिनाजुल हक, यूनिसेफ के एसएमसी आदित्य कुमार सिंह, यूएनडीपी के वीसीसीएम शकील आजम, पिरामल स्वास्थ्य के डीपीएल संजय कुमार झा ने भाग लेते हुए नियमित टीकाकरण से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी साझा की।
सुरक्षित टीकारण के लिये कर्मियों का प्रशिक्षित होना जरूरी :
प्रशिक्षण कार्यक्रम की जानकारी देते हुए डीआईओ डॉ मोईज ने कहा कि नियमित टीकाकरण के सफल संचालन के लिये कर्मियों का प्रशिक्षित होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य प्रशिक्षुओं को नियमित टीकाकरण के फायदे से अवगत कराना, इसके रख-रखाव के तरीके व किस वक्त कौन सा टीका लगाया जाये। इस संबंध में कर्मियों को प्रशिक्षित किया जाना है। इतना ही नहीं प्रशिक्षण के दौरान टीकाकरण में प्रयुक्त इंजेक्शन व कचरे के निष्पादन से संबंधित जरूरी जानकारी कर्मियों को दिया जाना है।
टीकाकरण से बढ़ती है रोग प्रतिरोधात्मक क्षमता :
प्रशिक्षु एएनएम को जरूरी प्रशिक्षण देते हुए यूनिसेफ के एसएमसी आदित्य कुमार ने बताया कि नियमित टीकाकरण बच्चों में होने वाले कई जानलेवा बीमारियों से बचाव का आसान जरिया है। इससे अभिभावकों के समय, धन व ऊर्जा का बचाव होता है। वहीं बच्चों के जीवन को संरक्षित रखने के लिहाज से भी यह महत्वपूर्ण है। यूएनडीपी के वीसीसीएम शकील आजम ने बताया कि टीकाकरण के दौरान पड़ने वाले वैक्सीन से शरीर में रोग प्रतिरोधात्मक क्षमता का विकास होता है। उन्होंने बताया कि वैक्सीन हमेशा सही रूट व सही जगह पर देना जरूरी है। टीका वाली जगह पर रूई से हल्का दबाना चाहिये। उस स्थान को रगडने से बचना चाहिये।
नियमित टीकाकरण को बढ़ावा देने का हो रहा प्रयास :
सिविल सर्जन डॉ विधानंचद्र सिंह ने प्रशिक्षण के संबंध में बताया कि जिले में नियमित टीकाकरण को बढ़ावा देने के लिये निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं। इसी क्रम में जिले में सात दिवसीय मिशन इंद्रधनुष कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। फिलहाल जिले में नियमित टीकाकरण की उपलब्धि 70 फीसदी के करीब है। इसमें बढ़ोत्तरी को लेकर प्रयास किये जा रहे हैं।