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बिहार के पूर्व राज्यपाल बूटा सिंह नही रहे, PM मोदी ने जताया शोक

पटना: पूर्व केन्द्रीय गृह मंत्री और बिहार के राज्यपाल बूटा सिंह नहीं रहे. गांधी परिवार के करीबी माने जाने वाले बूटा सिंह ने शनिवार सुबह 5.30 बजे एम्स में अंतिम सांस ली. 86 वर्षीय स्व सिंह जहां 8 बार लोकसभा के सांसद रह चुके थे. और वो देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू , स्व इंदिरा गांधी, स्व. राजीव गांधी, स्व. नरसिंहा राव और मनमोहन सिंह के मंत्रिमंडल में गृह , कृषि , रेल और खेल मंत्रालय की जिम्मेवार संभाल चुके थे. इसके अलावे वे बिहार के राज्यपाल के रूप में 2004 से 2006 तक कार्य किया था और वारिश में डूबे पटना के जलजमाव इलाके का पैदल चलकर मुआयना किया था.

1934 में पंजाब के जालंधर जिले मुश्तफापुर मे जन्म लेने वाले सरदार बूटा सिंह ने हरियाणा के साधना सीट से पहला चुनाव जीते थे. 1984 में आपरेशन ब्लू स्टार और श्री मति इंदिरा गांधी की हत्या के बाद स्व राजीव गांधी ने उन्हें राज्शान के जालौर सीट से चुनाव लड़वाया था जहां 1984 में वे जीते लेकिन 1989 में कैलाश मेघवाल से चुनाव हार गये. लेकिन उन्होनें यह सीट नही छोड़ी और 1999 तक जुड़े रहे.

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1977 में कांग्रेस के विभाजन के बाद श्री सिंह इंदिरा गांधी के साथ रहे और समूचे देश में कांग्रेस का सूपड़ा साफ होने के बावजूद उन्होनें उनका साथ नही छोड़ा और वे बड़े दलित नेता के रूप में अंत तक कांग्रेस से जुड़े रहे.

उन्होंने एआईसीसी के महासचिव के अलावे राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष की भी जिम्मेवारी संभाली थी. 1984 में आपरेशन ब्लू स्टार और दिल्ली के दंगों के बाद बूटा सिंह ने अकाल तख्त और दिल्ली के कई गुरूद्वारो की मरम्मत करायी थी।

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