उत्तरप्रदेश

भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा निर्माणाधीन स्पोर्ट्स कालेज!

बलिया(संजय कुमार तिवारी): भ्रष्टाचार में जीरो टॉलरेंस की बात करने वाली भाजपा सरकार में भी भरष्टाचरियों का मनोबल सिर चढ़ कर बोल रहा है। न तो भ्रष्टाचार पर रोक लग पा रही है और न ही सरकार का भय रह गया है। फलतः सरकारी धन का बंदरबांट करने के आदी सरकारी कर्मचारी अपनी मंशा को आसानी से फलीभूत कर रहे हैं। नजीर के तौर पर जिले की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत पूर में बन रहे प्रदेश का चौथा सबसे बडे स्पोर्ट कॉलेज में देखा जा सकता है। यहां मैटेरियल सप्लाई के नाम पर विभागीय अधिकारियों द्वारा करोड़ों रुपए का गोलमाल किया गया है। करीब एक सौ छः एकड़ में बन रहे स्पोर्ट कॉलेज में बेहतर क्वालिटी का मटेरियल लगाने का सरकारी फरमान जारी किया गया है। लेकिन शासन के आदेश के मुताबिक उसमे डाला की गिट्टी का प्रयोग किया जाना था लेकिन सरेआम सफ़ेद गिट्टी का प्रयोग किया गया हैं।इतना ही नही बल्कि सड़क बनाने वाली बड़ी गिट्टी से पिल्लर की ढलाई की गई हैं पर एग्रीमेंट को दरकिनार कर उसमे घटिया क्वालिटी की गिट्टी से निर्माण कार्य कराया जा रहा है। इसी तरह लाल बालू जुड़ाई ओर ढलाई के लिए जो आता है वह भी निम्न कोटि का है। अच्छे क्वालिटी के नाम पर सहायक अभियंता द्वारा गलत मटेरियल सप्लाई कराया जा रहा है। जिसके बदले में ठेकेदारों से एई को मोटी रकम दी जा रही है। इसके चलते स्पोर्ट कॉलेज भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुका है मटेरियल विभाग देता है और छोटे-छोटे ठेकेदार इसका काम कराते हैं ठेकेदारों को काम कराने का जो मानक है। और जो रेट तय किया गया है वह रेट ठेकेदारों को नहीं दिया जाता है इस तरह से काम कराने वाले ठेकेदारों का भी निर्माण निगम के अधिकारियों के द्वारा भरपूर शोषण किया जाता है। अब तक 881 लाख धनराशि अवमुक्त हो चुकी है लेकिन सहायक अभियंता द्वारा व्यापक पैमाने पर इसमें लूट जारी है ग्रिल लगाने का सरकारी रेट 111 रुपए प्रति मीटर है लेकिन वह रेट नहीं दिया जाता है इसी तरह मिक्सर मशीन का 1500 रुपए प्रति घन मीटर है वह भी नहीं दिया जाता है विभाग से जनरेटर चलाने के लिए तेल आता है लेकिन 5 साल हो गए अब तक 1 लीटर भी तेल जो छोटे-छोटे ठेकेदार हैं काम पर आने वाले उनको नहीं दिया जाता है मिक्सर मशीन को चलाने के लिए एक ऑपरेटर होता है उसको भी मानदेय नहीं दिया जाता है ठेकेदार अपने स्तर से समझता है जबकि विभाग की तरफ से बिल दिया जाता है और ऑपरेटर का खर्च भी दिया जाता है प्लास्टर में भी जो रेट है वह सरकारी रेट से कम दिया जाता है काम कराने वाले कुछ लोगों ने काम कराने वाले कुछ लोगों ने बताया कि सहायक अभियंता द्वारा काफी भ्रष्टाचार किया जा रहा है जबकि इसका स्थानांतरण 1 साल पहले गोरखपुर हो गया है लेकिन अभी भी अधिकारियों की सांठगांठ से यह कार्य कराया जा रहा है इस संदर्भ में प्रखर समाजसेवी अजीत कुमार सिंह ने प्रदेश के मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार को पत्र लिखकर इसकी एसआईटी जांच कराने जाने की मांग की है ताकि इस भ्रष्टाचार का पर्दाफाश हो सके अनियमितता बरतने वाले अधिकारी व कर्मचारी पर कार्यवाई हो सके। लेकिन क्या योगी आदित्यनाथ भ्रष्टाचारी अधिकारियों व् कर्मचारियों के विरुद्ध कार्यवाही करेंगे या योगी सरकार में भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ेगा स्पोर्ट कॉलेज।

Advertisements
Ad 1
Advertisements
Ad 5

Related posts

समाज धर्मांतरण पर रोक और मंदिरों की स्वतंत्रता की ओर बढ़ रहा है : डॉ. सुरेंद्र जैन, विहिप

अखिलेश यादव के बयान को लेकर बोला हमला : अरविंद राजभर

जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह में जारी किया निर्देश

error: