अररिया, रंजीत ठाकुर : मच्छर जनित रोगों के लिहाज से अररिया राज्य के बेहद संवेदनशील जिलों की सूची में शामिल है। जिले में हर साल आने वाली बाढ़ व इस कारण विभिन्न इलाकों में उत्पन्न जलजमाव की समस्या यहां मलेरिया जैसे जानलेवा रोग के प्रसार के प्रसार का खतरा यहां हमेशा रहता है। मलेरिया जैसे घातक बीमारी के खिलाफ जागरूकता फैलाने व इसकी रोकथाम के प्रयासों को गति देने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग द्वारा हर साल 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस का आयोजन किया जाता है। विश्व मलेरिया दिवस के मौके पर हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी मलेरिया उन्मूलन के प्रयासों को प्रभावी बनाने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग द्वाराा विभिन्न स्तरों पर जागरूकता संबंधी कई कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे।
लगातार सीमित हो रहे हैं मलेरिया के मामले
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ अजय कुमार सिंह ने बताया कि जिले में मलेरिया के मामले बेहत सीमित हो चुके हैं। डीवीबीडीसीओ ने कहा कि मलेरिया की रोकथाम में सबसे बड़ी चुनौती यहां ग्रामीण इलाकों में जागरूकता की कमी व स्वच्छता की स्थिति रही है। हाल के वर्षों में स्वास्थ्य महकमा का सक्रिय प्रयास, आशा कार्यकर्ताओं की मेहनत व सामुदायिक भागीदारी के चलते हालात में उल्लेखनीय सुधार होने की बात उन्होंने कही। डीवीबीडीसीओ डॉ अजय कुमार सिंह ने कहा कि विश्व मलेरिया दिवस के मौके पर विभिन्न स्तरों पर जागरूकता संबंधी कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। जनजागरूकता रैली सहित सहित अन्य आयोजन किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि मलेरिया के संभावित मरीजों की खोज व उपचार के लिये जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों पर समुचित इंतजाम उपलब्ध है।
मलेरिया उन्मूलन के लिये सामूहिक प्रयास जरूरी
सिविल सर्जन डॉ केके कश्यप ने कहा कि मलेरिया पर प्रभावी नियंत्रण के लिये जरूरी है कि लोग साफ-सफाई पर ध्यान दें, सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें व बुखार जैसी शिकायत होने पर तुरंत स्वास्थ्य केंद्र पहुंच कर अपना जांच व इलाज सुनिश्चित करायें। उन्होंने कहा कि वर्ष 2030 तक देश को मलेरिया मुक्त बनाने का लक्ष्य निर्धारित है। निर्धारित लक्ष्य की प्राप्ति के लिये सामूहिक प्रयास को जरूरी बताते हुए उन्होंने कहा कि हमें पूरा भरोसा है कि विभागीय प्रयास व आमजनों के सहयोग से बहुत जल्द अररिया मलेरिया मुक्त जिलों की सूची में शामिल होगा।