अररिया(रंजीत ठाकुर): हाई ब्लड प्रेशर तेजी से बढ़ता हुआ गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है। जो आगे चलकर हृदय रोग का कारण बन सकता है। जानकारों की मानें तो पहले ब्लड प्रेशर उम्र बढ़ने के साथ होने वाली बीमारी के तौर पर जाना जाता था। जो अब हर उम्र के लोगों को अपना शिकार बनाने लगा है। हाल के वर्षों में देखा जाये तो हाई ब्लड प्रेशर किशोर व युवा आयु वर्ग के लोगों को आसानी से अपना शिकार बनाने लगा है। एक अनुमान के मुताबिक देश में हर चार में से एक व्यक्ति हर चार में से एक व्यक्ति को ब्लड प्रेशर का शिकार हैं।
तेजी से बढ़ते उच्च रक्तचाप के मामलों के प्रति जागरूकता बढ़ाने व इसकी रोकथाम के उपायों को प्रोत्साहित करने के लिए हर साल 17 मई को विश्व उच्च रक्तचाप दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष “अपने रक्तचाप को सटीक रूप से मापें, इसे नियंत्रित करें, के थीम पर जिले में विश्व रक्तचाप दिवस का आयोजन किया गया।
विभिन्न स्तरों पर होंगे जागरूकता संबंधी कार्यक्रम
सिविल सर्जन डॉ विधानचंद्र सिंह ने बताया कि रक्तचाप के कारण व इसे नियंत्रण करने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग द्वारा विशेष पखवाड़ा आयोजित किया जा रहा है। इसके अंतर्गत विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों में बीपी मरीजों के जांच, इलाज व जरूरी परामर्श का विशेष इंतजाम उपलब्ध होगा। इतना ही नहीं इसे लेकर संबंधित इलाकों में व्यापक जन जागरूकता अभियान संचालित किया जाना है। ताकि लोगों को रोग के खतरों के प्रति जागरूक करते हुए इसका शिकार होने से बचाया जा सके।
महिलाएं भी हो रहीं हैं बीपी का तेजी से शिकार
एनएफएचएस के आंकड़ों के मुताबिक जिले के 15 साल या इससे अधिक उम्र की 05 पांच फीसदी महिलाएं बीपी की सामान्य समस्या से ग्रसित हैं। वहीं 2.9 फीसदी महिलाएं मध्यम व 12.1 फीसदी महिलाएं गंभीर रूप से बीपी की समस्या की शिकार हैं। वहीं इसी उम्र के पुरूषों में 8.9 फीसदी पुरूष सामान्य बीपी, 3.1 फीसदी मध्यम व 15.8 फीसदी गंभीर रूप से बीपी के शिकार हैं।
लक्षण दिखें तो करा लें बीपी की माप
सर दर्द, सांस का फूलना, थकान या भ्रम, छाती में दर्द, पसीना आना, धुंधला नजर आना, उल्टी आना हाइपरटेंशन के सामन्य लक्षण हैं। इस तरह का कोई लक्षण दिखने पर तत्काल बीपी की जांच जरूरी है।
ये हैं हाईपरटेंशन के कारण
सिविल सर्जन ने बताया कि हाईपरटेंशन का मुख्य कारण तनाव व अनियंत्रित खानपान होता है। इसके अलावा मोटापा, नींद की कमी, तैलीय पदार्थों का अधिक सेवन व नमक का अधिक सेवन भी इसके कुछ अन्य कारणों में से एक है। इसलिए यह जरूरी है कि अपनी डाइट पर का खास तौर पर ध्यान रखा जाये। हाईपरटेंशन से बचाव के लिए फल, सब्जियां व अंकुरित अनाज का सेवन महत्वपूर्ण है। नियमित रूप से व्यायाम करने से काफी लाभ होता है। इसके साथ शरीर के वजन व बीपी को नियंत्रित रखना इसकी नियमित जांच भी जरूरी होता है।