पटना, अजित : ईमारत शरिया व ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड समेत कई मुस्लिम एदारों का एक प्रतिनिधि मंडल नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव से मिला और वर्तमान वक्फ़ संशोधन बिल के बारे में चिंता जाहिर की. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने आश्वासन दिया कि हम वक्फ में किसी भी बदलाव को स्वीकार्य नहीं मानते हैं. हम मुसलमानों के खिलाफ किसी भी कार्रवाई को बर्दाश्त नहीं करेंगे.हम आपको विश्वास दिलाते हैं कि अगर केंद्र सरकार बंदोबस्ती के उद्देश्य और शरिया कानून के खिलाफ कोई बदलाव करती है , तो हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे.बैठक में कई मुस्लिम संगठनों के प्रतिनिधि शामिल रहे. बता दे कि मुस्लिम धार्मिक केंद्रों के प्रतिनिधि लगातार वक्फ़ बिल संशोधन 2024 के खिलाफ राजनेताओं से मुलाकात कर रहे हैं. इससे पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान से भी उनकी मुलाकात हो चुकी है.
नेता प्रतिपक्ष के साथ हुई इस बैठक में जमात-ए-इस्लामी बिहार के अमीर श्री इंजी. मौलाना अबुल कलाम कासमी शम्सीसाहब शामिल हुए, ऑल इंडिया मोमिन कॉन्फ्रेंस, मौलाना मुहम्मद अब्बास कासमी महासचिव जमीयत उलेमा बिहार (ए) श्री अनवर हुदा,पत्रकार, मौलाना मुहम्मद यासिर , मौलाना मुहम्मद इजहार जमीयत उलेमा (एम) कलकत्ता के अलावा अन्य प्रसिद्ध और प्रसिद्ध राजनीतिक और सामाजिक कार्यकर्ता अल्हाज शाहूद आलम साहब कारवां में भागीदार थे.
मौलाना रिज़वान अहमद इस्लाही ने वक्फ संशोधन विधेयक की खामियों का विस्तार से वर्णन किया और इसके परिणामस्वरूप वक्फ की जमीन खोने के खतरे के बारे में बताया. इंजीनियर फहद रहमानी ने भारत के संविधान के आलोक में विस्तार से बताया कि यह पहले से मौजूद कई महत्वपूर्ण कानूनों का उल्लंघन है, उन्होंने मुसलमानों की स्थिति स्पष्ट की कि मुसलमान प्रस्तावित संशोधन विधेयक को कभी स्वीकार नहीं करेंगे कि यह बिल वक्फ एक्ट को कमजोर करने के लिए लाया गया है, जिसे पिछले दिनों बड़ी मेहनत से विधानमंडलों ने पारित किया था, केंद्र सरकार इसे खत्म करना चाहती है.
मौलाना अबुल कलाम क़ासमी शम्सी , मौलाना अब्बास ने भी संशोधित बिंदुओं की संवैधानिकता पर प्रकाश डाला और संयुक्त रूप से बिल के विरोध में एक ज्ञापन सौंपा और कहा कि केंद्र सरकार मुसलमानों की भावनाओं के साथ खेलना चाहती है, उनके पास कोई एजेंडा नहीं है वोट बैंक, इसलिए वे वक्फ बिल में संशोधन करना चाहते हैं.इस तरह मुसलमानों की वक्फ संपत्तियों पर कब्जा करना चाहते हैं, हम इसका पुरजोर विरोध करेंगे, हालांकि संयुक्त संसदीय समिति में हमारा कोई राजनीतिक प्रतिनिधि नहीं है, फिर भी हम सभी से संपर्क करेंगे राजनीतिक विपक्षी दल और हम सब मिलकर स्थायी समिति को सलाह देंगे कि किसी भी स्थिति में वक्फ अधिनियम 1995 को पारित नहीं किया जाना चाहिए, हमें उम्मीद है कि हम अपने प्रयासों में सफल होंगे और हम हर तरह से आपके साथ रहेंगे। इस संबंध में उन्होंने कहा कि एक राजनीतिक दल के रूप में हमें इस बिल के खिलाफ अपनी पार्टी की लिखित स्थिति समिति को देनी चाहिए, प्रतिनिधिमंडल ने राजद को उसके पिछले रुख और भविष्य के आश्वासन के लिए धन्यवाद दिया.