पूर्णिया(न्यूज क्राइम 24): स्वास्थ्य सुविधाओं को सहज एवं सुलभ रूप से मुहैया कराना हम सभी को पहली प्राथमिकताओं में शामिल कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। क्योंकि बिहार सरकार की मंशा है कि राज्य के सभी नागरिकों को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना है। जिसको लेकर जिलाधिकारी सुहर्ष भगत के दिशा-निर्देश एवं मार्गदर्शन में स्वास्थ्य कार्यक्रमों को संचालित कर आम जनमानस तक पहुंचाने के लिए लगातार सार्थक पहल की जा रही है। यह कार्यक्रम मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी लाने एवं स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार लाने को लेकर विशेष रूप से असरदार माना जा रहा है।
जिले में टीबी संक्रमित मरीज़ों की ख़ोज, फाइलेरिया के साथ ही एनसीडी विभाग से जुड़ी सभी प्रकार की बीमारियों से बचाव को लेकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों एवं कर्मियों को कार्य करने की जरूरत होती हैं। यह बातें सिविल सर्जन डॉ अभय प्रकाश चौधरी ने जिला स्तरीय समीक्षा बैठक में कही। यह बैठक राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय सह अस्पताल परिसर स्थित सभागार में सिविल सर्जन की अध्यक्षता में हुई।
जिसमें सिविल सर्जन डॉ अभय प्रकाश चौधरी, एसीएमओ डॉ आरपी मंडल, एनसीडीओ डॉ वीपी अग्रवाल, डीआईओ डॉ विनय मोहन, जिला लेखपाल पंकज मिश्रा, डीएमएनई आलोक कुमार, डीसीएम संजय दिनकर, डीपीसी डॉ सुधांशु शेखर, एपिडेमियोलॉजिस्ट नीरज निराला, डीसीक्यूए डॉ अनिल कुमार शर्मा, यूपीएचसी के सलाहकार दिलनवाज़, एनसीडी के शेखर कपूर, यूनिसेफ के शिव शेखर आनंद एवं राज कुमार, डब्ल्यूएचओ के एसएमओ डॉ अनीसुर्रहमान, एसएमसी मुकेश गुप्ता, केयर इंडिया के आलोक पटनायक, पिरामल के जियाउद्दीन टीटू, सिफार के धर्मेंद्र रस्तोगी सहित जिले के सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, अस्पताल प्रबंधक, बीएचएम, बीसीएम के अलावा कई अन्य अधिकारी एवं स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित रहे।
आरसीएच (अनमोल) के तहत सर्वाधिक 72 प्रतिशत के साथ पूर्णिया जिले को मिला पहला स्थान: सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ अभय प्रकाश चौधरी ने कहा कि प्रजनन और बाल स्वास्थ्य (आरसीएच/अनमोल) में गर्भवती महिला का पंजीकरण 76 प्रतिशत एवं बच्चों का 91 प्रतिशत किया गया है। साथ ही गर्भवती महिला एवं बच्चों का अनमोल एप के तहत 72 प्रतिशत स्वास्थ्य सेवाओं को अद्यतन करने को लेकर पहला स्थान प्राप्त हुआ है। पूरे बिहार में पूर्णिया जिला ने प्रथम स्थान प्राप्त किया है।
जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में जन आरोग्य समिति (जस) का गठन आगमी 20 अप्रैल तक पूर्ण करने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिया गया है। वहीं 77339 संस्थागत प्रसव, परिवार नियोजन में 14115 महिलाओं का बंध्याकरण हुआ है। जिसमें सबसे ज्यादा अनुमंडलीय अस्पताल धमदाहा में 1568 बंध्याकरण कराया गया है। वहीं एनसीडी विभाग की ओर से जारी आंकड़ों की बात की जाए तो अप्रैल 2021 से मार्च 2022 तक 1, 66, 606 जिलेवासियों की स्क्रीनिंग की गयी है। जिले में 1, 05, 811 नियमित टीकाकरण हुआ है तो 1, 33, 441 गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच (एएनसी) करायी गयी है।
कोरोना संक्रमण की लहर को रोकने के लिए हम सभी को सतर्क रहने की जरूरत: सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ अभय प्रकाश चौधरी ने बताया कि कोरोना संक्रमण की लहर को लेकर हम सभी को पूरी तरह से सतर्क रहने की आवश्यकता है। क्योंकि राज्य मुख्यालय की ओर से ऑक्सीजन प्लान या इससे संबंधित सभी तरह की आवश्यकतओं को शत प्रतिशत पूरा करना है। ताकि किसी भी तरह की परिस्थितियों से निबटा जा सके।
इसके लिए रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, सब्जी मंडी, विद्यालय एवं अन्य भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में कोविड के लक्षण वाले रोगियों की रैंडम सैंपलिंग लेकर जांच करवायी जानी चाहिए।
विभागीय स्तर पर वर्तमान में ई-संजीवनी ओपीडी, यक्ष्मा उन्मूलन के लिए हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर सघन खोजी अभियान, नियमित टीकाकरण के तहत छूटे हुए बच्चे तथा गर्भवती महिलाओं को चिह्नित कर मिशन इंद्रधनुष के तहत टीकाकरण, निर्धारित सत्र स्थल पर कोविड-19 का टीकाकरण, एनसीडी (नॉन कम्युनिकेबल डिजीज) के तहत ओपीडी में बुजुर्गों की चिकित्सीय जांच एवं परामर्श दिया जा रहा है। साथ ही एनएचएम के तहत संचालित सभी तरह के कार्यक्रम सुचारू रूप से चलाए जा रहे हैं।