बिहार

ग्रामीणों ने शिक्षा विभाग के अधिकारी पर भ्र्ष्टाचार करने का लगाया आरोप

अररिया, रंजीत ठाकुर नरपतगंज प्रखण्ड क्षेत्र में शिक्षा विभाग में गजब की मनमानी चल रही है। नियम को ताख पर रखकर किया जा रहा है शिक्षण कार्य। दिन प्रतिदिन नये नये कारनामें आते हैं सामने। ऐसा ही एक मामला प्रखंड क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय विद्यानंद यादव टोला वार्ड नंबर-08 का है। विद्यालय में पद स्थापित प्रभारी प्रधानाध्यापक राजेंद्र कुमार ऋषि देव सहित चार शिक्षक हैं। जिसमें सहायक शिक्षक शेखर कुमार , रूपेश कुमार और शिक्षिका खुशबू कुमारी है। शिक्षिका खुशबू कुमारी पर स्थानीय ग्रामीणों ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा खुशबू कुमारी का नियोजन छठे चरण के वर्ष 2022 फरवरी में हुआ था। 5 माह शिक्षण कार्य कर जुलाई माह में अवकाश का बहाना बनाकर विद्यालय से गायब हो गई।

जिससे बच्चों का शिक्षण कार्य प्रभावित हुआ। शिक्षण कार्य प्रभावित होते देख हम ग्रामीणों ने बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए जब विद्यालय पहुंचकर प्रभारी प्रधानाध्यापक से शिक्षिका के अनुपस्थित होने के कारण पूछा तो उन्होंने बताया कि चिकित्सा अवकाश में गई है। जब उनसे यह पूछा गया कि कितने दिनों के लिए अवकाश में गई है तो उन्होंने कुछ भी बताने से इनकार कर दिया। तत्पश्चात ग्रामीणों के द्वारा मामले की शिकायत प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी नरपतगंज को दिया गया। तत्कालीन शिक्षा पदाधिकारी नरपतगंज मोहम्मद अमीरुल्ला ने अपने कार्यालय पत्रांक-637 दिनांक- 11 नवंबर 2022 के द्वारा उक्त शिक्षिका से स्पष्टीकरण की मांग किया था। प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी ने अपने पत्रांक में लिखा था कि 02 जुलाई 2022 से चिकित्सा अवकाश पर हैं।

बिहार प्रारंभिक शिक्षक नियोजन नियमावली 2020 के आलोक में प्रदत्त चिकित्सा अवकाश की अवधि समाप्ति के उपरांत भी आपने अब तक विद्यालय में योगदान नहीं किए हैं। इस संबंध में पत्र निर्गत तिथि से 3 दिनों के अंदर अपना स्पष्टीकरण कार्यालय में समर्पित करना सुनिश्चित करें? अन्यथा अगले कार्यवाही हेतु संबंधित नियोजन इकाई को प्रतिवेदित कर दी जाएगी। स्पष्टीकरण पूछे जाने के बावजूद शिक्षिका के द्वारा कोई जवाब नहीं देने पर भी कोई कार्रवाई नहीं होना तथा पुनः 15 जनवरी 2024 को शिक्षिका का योगदान करना बड़ी भ्रष्टाचार को दर्शाता है।

प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी नरपतगंज के द्वारा नियम के विरुद्ध योगदान कराए जाने पर स्थानीय ग्रामीणों ने आक्रोश जताते हुए मामले की शिकायत क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक, प्रमंडल-पूर्णिया, जिला पदाधिकारी अररिया, जिला शिक्षा पदाधिकारी अररिया एवं राज्य के वरीय अधिकारी को आवेदन देकर जांच की मांग की है। ग्रामीणों ने कहा इस भ्रष्टाचार के विरोध अगर अधिकारियों का जांच नहीं हुआ तो हम लोग आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे। इसकी सारी जवाब देही अधिकारियों की होगी। अब देखना यह है कि जांच अधिकारी भ्रष्टाचार को छुपाती है, या फिर भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई करती है।

क्या कहते हैं प्रभारी प्रधानाध्यापक राजेंद्र कुमार ऋषि देव :-
इस बाबत प्रभारी प्रभारी प्रधानाध्यापक राजेंद्र कुमार ऋषि देव को कई बार फोन करने के बाद फोन रिसीव किये तथा उन्होंने बताया कि शिक्षिका खुशबू कुमारी के संबंध में मेरे पास कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है। आप प्रखंड कार्यालय से संपर्क करें।

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क्या कहते है पंचायत सचिव पढ़ेपारा मनीष कुमार:-


इस बाबत पंचायत सचिव बढ़ेपारा मनीष कुमार ने बताया कि मेरे पास पंचायत शिक्षिका खुशबू कुमारी से जुड़े कोई दस्तावेज नहीं है। कब योगदान कराया गया और कब अवकाश में गई, मुझे नहीं मालूम है।

क्या कहते हैं नरपतगंज प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी:-


इस बाबत प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी नरपतगंज,शिव नारायण कुमार सुमन ने बताया कि नियोजन नियमावली के अनुसार पंचायत शिक्षक को नियुक्ति के 2 साल बाद ही अवकाश मिल सकता है, वह भी केवल दो माह के लिए जब उनसे शिक्षिका खुशबू कुमारी के संबंध में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि मुझे आप के द्वारा जानकारी मिली है। जांच करते हैं दोषी पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी।

बताते चलें कि शिक्षा विभाग में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार को लेकर बिहार के पूर्व अपर मुख्य सचिव के के पाठक ने विभाग में हर बिंदुओं पर जांच कर भ्रष्ट अधिकारियों पर नकेल कसने का काम किया तो वहीं भ्रष्टाचारियों ने ऐसे पदाधिकारी को भी गुमराह कर नियम के विरुद्ध शिक्षिका का पुनः योगदान कर मानदेय की राशि देना भ्रष्टाचार को दर्शाता है। वही शिक्षिका से संबंधित हर बिंदुओं पर संवाददाता की टीम नजर बनाए हुए हैं। कई मामले उजागर होने की संभावना है।

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