पटना, (न्यूज़ क्राइम 24) वरीय संवाददाता जन स्वास्थ्य कल्याण समिति के द्वारा एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से बिहार सरकार के चार पुलिस पदाधिकारियों पर जालसाजी का आरोप लगाया गया है। समिति की ओर से डॉ० एल०बी० सिंह ने कहा कि साजिश के तहर उन्हें बिहार पुलिस के 4 पुलिसकर्मियों के द्वारा उन्हें फंसाया गया था। जन स्वास्थ्य कल्याण समिति के सचिव डॉ० एल०बी०सिंह ने कहा कि वो अखिल भारतीय पिछड़ा वर्ग संघ के राष्ट्रीय महासचिव सह अखिल भारतीय कुर्मी क्षेत्रीय महासभा संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष पद कार्यरत है साथ ही सामाजिक कार्यकर्ता भी है। उन्होंने बताया कि उन्होंने दिनांक 15.05.2024 को मुख्यमंत्री सचिवालय में पत्र दाखिल किया था जिसका पत्रांक संख्या 2024019179/2024 है।
मुख्यमंत्री सचिवालय से पुलिस महानिर्देशक के आवेदन देने के बाद जब पेपर में छपा उन्होंने बताया कि उसके बाद प्राथमिकी दर्ज करने के एक ही दिन बाद सिटी एस०पी० चन्द्रभूषण के द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मेरे खिलाफ गलत- सलत बयान देते हैं और मेरे मान सम्मान के साथ खेलवाड़ करते हैं और जब उनके द्वारा पेपर में छापी गई बातों को सूचना अधिकारी के तहत जानकारी मांगी गई तो सही रिर्पोट नही देने पर महापुलिस निर्देशक पटना और मुख्यमंत्री सचिवालय को पत्र लिख कर देते है। उसके बाद मुख्यमंत्री के कार्यालय से डी०जी०पी०पटना को जाँच करने के लिए आदेश देते हैं।
जिसका पत्रांक सं0-D2024053377/22-05-2024 है। डी० जी० पी० द्वारा पटना आई० जी० को जाँच करने का आदेश दिया जाता है । जिसका पत्रांक सं0-2843994/2024 दिनांक 07.05.2024 को फिर आई०जी० को जॉच का आदेश दिया जाता है और आई०जी० के द्वारा वरीय पुलिस अधीक्षक पटना को जाँच करने की आदेश दिया जाता है जिसका पत्रांक सं0-136769/2024 दिनांक 07.06.2024 को जाँच करने का आदेश दिया गया । लेकिन वरीय पुलिस अधीक्षक के द्वारा जो सिटी एस०पी० चन्द्र प्रकाश को ही जॉच करने का आदेश दिया जाता है जिस पदाधिकारी से मैने सूचना अधिकार के तहत रिर्पोट मॉग करते हैं फिर वहीं सिटी एस०पी० चन्द्र प्रकाश को जाँच करने का आदेश दिया जाता है।
मेरा लेटर देखने के बाद डी०एस०पी० को आदेश देते हैं कि डॉ० एल०वी०सिंह को एस०पी० से पंगा लेने का सौख है इनकों प्रशासन से अच्छे तरह से मूलकात करायें सिटी एस०पी०डी०एस०पी० को आदेश देते हैं कि किसी प्रकार के प्राथमिकी दर्ज करके डॉ० एल०वी०सिंह को गिरफतार करके जेल भेजों दिनांक 09.06.2024 को डी०एस०पी० कार्यालय से फोन आता है कि आप कहाँ हैं आप जो 118/2024 प्राथमिकी दर्ज कराये हैं उसमें आपसे डी०एस०पी० साहब आपसे बात करेगें जिस समय डी०एस०पी० साहेब से फोन आता है उस समय मैं हाजीपुर वैशाली में थें डी०एस०पी० ने फोन कर बोला कि दो बजे तक आप डी०एस०पी०ऑफिस पहुँचें पहुँचने के बाद मेरे खिलाफ दो लोगों से आवेदन पहले से लेकर रखें हुए थें जिसमें 2 लोग अपना आवेदन पूर्व मे हीं कदमकुँआ थाना को दिये हुए था
जो दोनों भाई बहन ही था जलसाज नं0-1 नम्रता आनंद और जालसाल-2 आषिश सहाय दोनों भाई बहन मिलकर मेरे उपर झूठा मुकदमा करती है। एक बहन आरोप लगाती है कि डॉ० एल०वी० सिंह अस्पताल खोलने के लिए हमसे 18,00000 (अठारह लाख रूपया) लिए हैं। जबकि कहीं पर भी साक्ष्य नहीं है जबकि जलसाज पुलिस प्रशासन के द्वारा गलत आरोप लगाकर फँसाने का षडयंत्र रचा जाता है। यह षंडयंत्र इसलिए रचा जाता है कि सूचना अधिकार के तहत डॉ० एल०बी० सिंह के द्वारा सी०टी०एस०पी० चन्द्रभूषण से रिर्पोट माँगा गया था लेकिन रिर्पोट सही नही देने के कारण सी०टी०एस०पी० अपने बचाव में डॉ० एल०वी०सिंह पर तरह-तरह का धारा लगाकर फंसाने का काम किया जबकि लिखित में कहीं पर कुछ भी नहीं मिला जो भी व्यक्ति
इस केश में संलिप्त है उनपर कोर्ट के द्वारा कोर्ट के आदेश द्वारा टिम गठित कर जो भी पदाधिकारी और जो भी व्यक्ति इस केश में संलिप्त हैं वह सभी पर उच्च स्तरिये जॉच टिम गठित कर कारवाई की जाय। डॉ० एल०वी० सिंह को फंसाने के लिए एक महीने से जाल विछा रहा था डॉ० एल०बी०सिंह एक सम्मानित व्यक्ति हैं इनको फंसाने के लिए एक ही घर के भाई बहन से केश करवाया गया है वह केश सरासरी गलत है। जबकि डॉ० एल०वी०सिंह एक समाजिक व्यक्ति हैं जिन्होनें समर्पित होकर गरीब को सेवा करते रहते हैं। इनकों पूरे बिहार में गरीब के मसिहों के नाम से जानते हैं। डॉ० एल०बी०सिंह को डॉक्टर पद श्री अर्वाड से सम्मानित किया गया है। देश रत्न अर्वाड से सम्मानित किया गया है। इण्डिया आई कॉम अर्वाड से सम्मानित किया गया है।