फुलवारी शरीफ, अजित : रमजान का महीना आते ही फुलवारी शरीफ के लोगों में खास उत्साह देखने को मिलता है.रोज़ा खोलने के बाद एक कप गरमा-गरम शीर चाय पीने का जो मजा है, वह शब्दों में बयान करना मुश्किल है.फुलवारी शरीफ चौराहे पर शीर चाय की खुशबू दूर-दूर तक बिखर जाती है, और इसे पीने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ती है.फुलवारी शरीफ, पटना सिटी और आसपास के इलाकों में शाहनवाज भाई और पटना सिटी के फजलु मियां की शीर चाय सबसे ज्यादा मशहूर है .रमजान के अलावा फुलवारी शरीफ में खानकाह मुजीबिया में लगने वाले उर्स के दौरान भी यह चाय खूब बिकती है. करीब 20 वर्ष पहले फुलवारी शरीफ के खानकाह मोड पर स्वर्गीय हसनु मियां के चाय दुकान सबसे ज्यादा मशहूर थी.
यहां पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद भी शीर चाय पीने आते थे.रमजान में इफ्तार के बाद शीर चाय की चुस्की लेना एक अलग ही एहसास देता है.इस चाय को खास बनाने के लिए इसे तैयार करने में 12 घंटे का वक्त लगता है. दूध, खास चाय पत्ती, अखरोट, पिस्ता, बादाम, केसर, जायफल और अन्य मसालों को धीमी आंच पर पकाया जाता है. दिनभर इसे हल्की आंच पर उबाला जाता है, जिससे यह गाढ़ी और गुलाबी रंगत की हो जाती है.यहां शीर चाय पीने आए लोगों का कहना है कि इस चाय का स्वाद पूरे फुलवारी में कहीं और नहीं मिलता.रोज़ा खोलने के बाद यह चाय न सिर्फ स्वादिष्ट लगती है, बल्कि शरीर को तरोताजा भी कर देती है.शीर चाय बेचने वाले दुकानदारों का परिवार पीढ़ियों से इस खास शीर चाय को बनाता आ रहा है.उनके पूर्वज भी यही कारोबार करते थे, और आज भी इस परंपरा को शाहनवाज भाई आगे बढ़ा रहे हैं.
शाहनवाज पिछले 25 सालों से यह खास शीर चाय बना रहे हैं, जो अपनी लाजवाब स्वाद और खुशबू के लिए मशहूर है. रमजान के महीने में उनकी दुकान पर रौनक देखते ही बनती है.उनकी शीर चाय इतनी लोकप्रिय है कि लोग इसे न केवल मौके पर बैठकर पीते हैं, बल्कि घर भी ले जाते हैं.
शाहनवाज भाई के अनुसार, रोजाना 900 से 1000 कप शीर चाय बिक जाती है.सिर्फ 15 रुपये प्रति कप में मिलने वाली इस चाय का स्वाद लोगों को रोज़े की थकान मिटाने में मदद करता है.