बिहार

ट्रांसपोर्ट नगर की नारकीय स्थिति: करोड़ों टैक्स देने के बावजूद सड़क, नाला और स्ट्रीट लाइट जैसी मूलभूत सुविधाओं का घोर अभाव…

Advertisements
Ad 5

पटना, अजित। पटना सिटी क्षेत्र के जीरो माइल बाईपास से लगे ट्रांसपोर्ट नगर की स्थिति वर्षों से बदहाल बनी हुई है. जहां हजारों मेडिसिन कंपनियों के कार्यालय, गोदाम और बड़े वेयरहाउस मौजूद हैं, वहीं इन संस्थानों से सरकार को हर साल करोड़ों रुपये का टैक्स मिलने के बावजूद इलाके में सड़क, नाला, जलनिकासी, स्ट्रीट लाइट और सफाई जैसी बुनियादी सुविधाएं आज तक उपलब्ध नहीं कराई गई हैं।

ट्रांसपोर्ट नगर से पूरे बिहार और आसपास के कई राज्यों में दवाओं की सप्लाई होती है. प्रतिदिन सैकड़ों भारी वाहन, ट्रक और कंटेनर यहां पहुंचते हैं. इसके बावजूद सड़कें गड्ढों में तब्दील हैं. कई जगह इतना बड़ा गड्ढा है कि वाहन हिचकोले खाते हुए गुजरते हैं और आए दिन पलट भी जाते हैं, जिससे लाखों का नुकसान होता है. नाला नहीं होने से पूरे इलाके में जलजमाव बना रहता है और धूल का गुबार लगातार उड़ता रहता है. इससे स्थानीय नागरिक, व्यापारी, कामगार और दुकानदार सांस संबंधी बीमारियों से परेशान हैं।

व्यापारियों का कहना है कि सरकार के लिए ट्रांसपोर्ट नगर बड़ा राजस्व केंद्र है, परंतु सुविधाओं के नाम पर यहां कुछ भी नहीं है. स्थानीय लोगों ने बताया कि पूरे क्षेत्र में न सड़क है, न बिजली की स्ट्रीट लाइट, न सफाई की व्यवस्था. दिनभर भारी वाहनों की आवाजाही से धूल का ऐसा अंबार उठता है कि लोग रोगी बन चुके हैं. कई व्यवसायियों का कहना है कि क्षेत्र की बदहाली के कारण लगातार ट्रकों का फंसना, माल का नुकसान, वाहनों के क्षतिग्रस्त होने जैसी समस्याएं रोजमर्रा की बात हो गई हैं।

Advertisements
Ad 1

स्थानीय व्यापारी, ट्रांसपोर्टर और नागरिकों ने बताया कि कई बार मंत्री, स्थानीय विधायक और प्रशासनिक अधिकारियों को इस स्थिति की जानकारी दी गई, लेकिन आज तक किसी ने इस महत्वपूर्ण व्यापारिक क्षेत्र की दयनीय हालत पर ध्यान नहीं दिया. लोगों का कहना है कि गर्मी और आम दिनों में ही यह हाल है, बारिश होने पर यहां स्थिति भयावह हो जाती है. कीचड़, गड्ढों और जलजमाव के कारण वाहनों का चलना मुश्किल हो जाता है और करोड़ों का माल समय पर सप्लाई नहीं हो पाता।

गंदगी, कीचड़, टूटी सड़कें और धूल का गुबार ट्रांसपोर्ट नगर को “नारकीय क्षेत्र” में बदल चुके हैं. व्यापारियों और स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश है. उनका कहना है कि करोड़ों रुपये टैक्स देने के बावजूद ऐसा उपेक्षित व्यवहार समझ से परे है. उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि जल्द सुधार नहीं हुआ तो वे बड़े जन आंदोलन के लिए मजबूर होंगे, जिसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार और प्रशासन की होगी।

स्थानीय लोगों और व्यापारियों की मांग है कि सड़क का पुनर्निर्माण कराया जाए, समुचित नाला व जलनिकासी बने, पूरे इलाके में स्ट्रीट लाइट लगाई जाए और नियमित सफाई की व्यवस्था हो. उनका कहना है कि ट्रांसपोर्ट नगर पटना की व्यापारिक धुरी है और इसकी उपेक्षा आर्थिक गतिविधियों पर गंभीर प्रभाव डाल रही है।

Related posts

मेमोरियल ओपन ताइक्वांडो चैंपियनशिप का हुआ समापन

उन्नत आर्थोपेडिक उत्कृष्टता की ओर : AIIMS पटना में आयोजित हुआ हिप आर्थ्रोप्लास्टी CME 2025

पटना साहिब विधानसभा क्षेत्र में होगा कार्यकर्ता सम्मान समारोह : प्रदीप काश

error: