अररिया, रंजीत ठाकुर एक अदद मदद की बाट जोह रहा है मृतक मजदूर का परिवार । गांव तथा आस पड़ोस के लोग आते है और दिलासा दे कर चले जाते है । बात बथनाहा पंचायत के डिपोल भवानीपुर गांव वार्ड 16 का है । 42 वर्षीय बिनोद बहरदार जो घर का इकलौता कमाने वाला सदस्य था । जिसके ऊपर पूरे परिवार की जिम्मेवारी थी अब वही व्यक्ति इस संसार में नहीं है तो सहज ही समझा जा सकता है की परिवार की क्या स्थिति होगी । बच्चो के सपनो को पूरा करने के लिए मृतक मजदूर गांव के ही एक साहूकार से कर्ज लेकर मजदूरी करने ट्रेन से बेंगलुरु जा रहे थे जो दुर्भाग्यवश दुर्घटना का शिकार हो गए तथा अपनी जान गवा बैठे ।
मृतक की पत्नी उषा देवी कहती है की इतनी बड़ी जिम्मेवारी कैसे संभालूंगी बच्चो का पढ़ाई लिखाई तो दूर भोजन तथा कपड़े का बंदोबस्त कहा से करूंगी । अपना कोई जमीन नहीं है । जमीन का छोटा सा हिस्सा में घर बना कर रह रहे है किसी तरह से गुजर बसर हो रहा है । वो कहती है की 13 वर्षीय पुत्री पूजा कुमारी है उसकी शादी की भी जिम्मेवारी है बच्चो का भरापोषण कैसे होगा । पिता के चिता को आग 10 वर्षीय पुत्र जीवछ कुमार ने दिया । उससे छोटा 8 वर्षीय हरिनंदन कुमार है जो कुछ समझ नहीं पा रहा है । वहीं मृतक की 70 वर्षीय मां नंदनी देवी कुछ पूछने पर भी नही बोल पाती है सिर्फ रोते रहती है । गांव के सरपंच प्रतिनिधि मुख्तार कहते है इस पीड़ित परिवार के मदद के लिए क्षेत्र के सांसद ,विधायक तथा सभी अधिकारियों से गुहार लगाया लेकिन किसी ने अबतक सुध नहीं लिया और नहीं आकर गरीब मजदूर परिवार का मदद किया ।