पटना, (न्यूज़ क्राइम 24) बिहार प्रदेश राष्ट्रीय जनता दल के प्रधान महासचिव सह विधायक श्री रणविजय साहू एवं प्रदेश प्रवक्ता एजाज अहमद ने आरोप लगाया कि लगातार पुलिसिया दमन के शिकार आम लोग हो रहे हैं और गरीबों ,शोषितों और वंचितों का जीवन दूभर हो गया है। एक ओर जहां बिहार में शासन -प्रशासन अपराध और अपराधियों पर कार्रवाई करने में असमर्थ दिखती है ,वही आमजनों पर लगातार पुलिसिया दमन चक्र चल रहा है और पुलिस दमन का शिकार आम लोग हो रहे हैं। और थाने में की जा रही पिटाई से आम लोगों की मौत हो रही है, इसी तरह का मामला औरंगाबाद जिला के नवीनगर थाना में देखने को मिला, जहां अधेड़ उम्र के प्रमोद साव की पुलिस के द्वारा की गई पिटाई से मौत हो गई।
इस संबंध में मृतक के पुत्र बबन कुमार ने बताया है कि 27 फरवरी 2025 को उनके साथ उनके पिता प्रमोद साव,चाचा प्रवेश साव ,चचेरे भाई मनोज कुमार गुप्ता, पुष्पा देवी सहित परिवार के अन्य लोगों को नवीनगर थानाध्यक्ष ने किसी हत्या के मामले में पूछताछ के लिए बुलवाया ।और बारी-बारी से पूछताछ के नाम पर सबकी पिटाई की गई ।और हत्या की बात कुबूल करवाने के लिए करंट लगाकर थर्ड डिग्री टॉर्चर का भी इस्तेमाल किया गया।
इस तरह से पुलिस के द्वारा की गई पिटाई से 2 मार्च 2025 को प्रमोद साव की मौत हो गई और साक्ष्य मिटाने के लिए नवीनगर थाना ने उन्हें औरंगाबाद अस्पताल में भर्ती करा दिया जबकि उनकी मौत पहले ही हो चुकी थी। इस बाबत जब उनके परिजनों ने पुलिस से जानकारी मांगी तो कुछ नहीं बताया गया और औरंगाबाद अस्पताल में भर्ती कराया जाने की सूचना भी उनके परिवार के सदस्यों को नहीं दी गई । जब उनके परिवार के लोगों ने औरंगाबाद पुलिस अधीक्षक के सामने गुहार लगाई तो बाद में पता चला कि उनका औरंगाबाद अस्पताल में शव पड़ा हुआ है। प्रदेश राजद प्रवक्ता एजाज अहमद ने बताया कि इस संबंध में पार्टी के प्रधान महासचिव सह विधायक श्री रणविजय साहू इस मामले को विधानसभा में कल उठाएंगे ,और सरकार से इस मामले की उच्च स्तरीय जांच कराये जाने की मांग करेंगे। साथ ही इस मामले में नवीनगर थानाध्यक्ष सहित अन्य लोगों पर कार्रवाई की भी मांग करेंगे।
नेताओं ने कहा कि लगातार बिहार में पुलिस पिटाई से मौत हो रही हैं इसी तरह की वारदात मुजफ्फरपुर के कांटी थाना में शिवम की पुलिस पिटाई से मौत हुई थी। इस तरह की पुलिसिया जुल्म की घटनाएं देखने को मिल रही है, इससे लोगों का विश्वास शासन-प्रशासन पर से विश्वास उठते चला जा रहा है। और पुलिस अपराधियों पर कार्रवाई की जगह आमजनों को ही जबरदस्ती गुनाह कुबुल करवाने के लिए अमानवीय तरीकों का सहारा ले रही है।
नेताओं ने कहा कि उत्तर प्रदेश की तरह बिहार में पुलिसिया जुल्म और ज्यादती की कार्रवाई लगातार चल रही है। इसी तरह के मामले को देखकर ही माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने कहा था की बिहार में पुलिसिया राज चल रहा है। इससे पहले कुछ दिनों पूर्व मधुबनी जिला के बेनीपट्टी में मौलाना फिरोज के साथ हैवानियत तरीके से पुलिसिया दमन का सहारा लिया गया।
नेताओं ने आगे कहा कि पुलिस हिरासत में हुई मौत से ये स्पष्ट होता है कि बिहार में पुलिस का राज चल रहा है। और नेता प्रतिपक्ष श्री तेजस्वी प्रसाद यादव जब सरकार के इस तरह के क्रियाकलाप और पुलिसिया दमन पर अपनी बातें रखते हैं, तो उल्टे सरकार में बैठे हुए नेता और पदाधिकारी ऐसे कृत्य करने वाले पुलिस की हिमायत में खड़े हो जाते हैं। विपक्ष की आवाज को दबाने और सच्चाई सामने ना आए इसके लिए इस तरह की बातें की जाती है।
नेताओं ने कहा कि बिहार में सरकार का इकबाल समाप्त हो गया है। जहां अपराध और अपराधियों को सत्तारूढ़ दल के द्वारा संरक्षण दिया जा रहा है ,वहीं बिहार में माफियाओं और अपराधियों को उच्च स्तर से संरक्षण मिलने के कारण आमजनों का जीवन दुभर हो गया है। वहीं दूसरी और गरीबों , शोषितों और वंचितो को पुलिसिया दमन का शिकार होना पड़ता है, और उनकी थाने में मौत हो जा रही है। ऐसे मामलों की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए, जिससे कि सच और सच्चाई सामने आ सके।