बिहार

सुगंध दशमी पर धूप-चंदन से पवित्र हुआ जैन मंदिर का वातावरण

पटना सिटी, (न्यूज़ क्राइम 24) जैन धर्मावलंबियों का पर्वराज दशलक्षण पर छठें दिन भाद्रपद शुक्ल दशमी शुक्रवार को उत्तम संयम धर्म को अंगीकार कर धूप दशमी पर्व अत्यंत हर्षोल्लासपूर्वक मनाया गया। इस अवसर पर हाजीगंज स्थित श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन गुरारा मंदिर, कचौड़ी गली स्थित जैन मंदिर, जिरिया तमोलीन गली खाजेकलां स्थित श्री चंद्रप्रभु जैन मंदिर में धूप-चंदन की भीनी-भीनी खुबशू बिखरी। इस दौरान धूप-चंदन की सुगंध से जिनालय महक उठे साथ ही वातावरण सुगंधमय होकर पवित्र, स्वच्छ और खुशनुमा हुआ। जैन श्रद्धालुओं ने जैन मंदिरों में पहुंच कर अग्नि में धूप अर्पित कर अपने कर्मों की निर्जरा व आत्मकल्याण की प्रार्थना की।

जैन मंदिरों में चल रहा है 10 दिवसीय विशेष पूजा-अनुष्ठान का कार्यक्रम वहीं दिगम्बर जैन मंदिर में धार्मिक अनुष्ठान की शुरुआत मंगलाचरण, जिनेन्द्र स्तुति, अभिषेक पाठ, महामंत्र णमोकार के उच्चारण के साथ हुआ। जैन श्रद्धालुओं ने प्रातः बेला भगवान का नित्य अभिषेक, चतुष्कोण कलशाभिषेक, शांतिधारा के पश्चात विशेष प्रकार की पूजा-अर्चना किया।

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सुगंध दशमी व उत्तम संयम धर्म का है विशेष महत्त्व

जैन समाज से प्रवीण जैन ने बताया कि सुगंध दशमी पर श्रद्धालु अपने द्वारा हुए बुरे कर्मों के क्षय की भावना मन में लेकर मंदिरो में भगवान के समक्ष धूप और सुगंधित चंदन अर्पित की जाती है। वहीं उत्तम संयम धर्म की जानकारी देते हुए बताया कि आत्मसौंदर्य एवं मानव का अनोखा आभूषण संयम धर्म ही सर्वश्रेष्ठ है। संयमित जीवन जीने वाला सच्चा मानव है। प्राणी या जीव रक्षण, मन और पंच इन्द्रिय नियंत्रण करना ही उत्तम उत्तम संयम धर्म है। अर्थात् जिस मनुष्य ने अपने जीवन में संयम धारण कर लेता है उसका मनुष्य जीवन सार्थक एवं सफल हो जाता है।

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