बिहार

जिले में कालाजार रोधी दवा का छिड़काव शुरू

अररिया, रंजीत ठाकुर। जिले में कालाजार उन्मूलन कार्यक्रम के तहत प्रथम चरण का छिड़काव अभियान शुरू हो चुका है। फिलहाल अभियान जिले के कुर्साकांटा व नरपतगंज प्रखंड में संचालित है। शेष प्रखंड़ों में भी ये एक से दो दिनों में शुरू हो जायेगा। छिड़काव अभियान 60 दिनों तक संचालित किया जायेगा। इस क्रम में जिले के कालाजार प्रभावित जिले के 08 प्रखंड अंतर्गत 49 पंचायतों में छिड़काव कर्मी लोगों के घर-घर जाकर सिंथेटिक पैराथइराइड दवा का छिड़काव करेंगें। इस क्रम में 01 लाख 04 हजार 499 घरों में दवा का छिड़काव किया जायेगा। इससे जिले के 5.20 हजार लोग लाभान्वित होंगे।

निर्धारित मापदंड के अनुरूप चिन्हित गांवों मे होगा छिड़काव

जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ अजय कुमार सिंह ने बताया कि सिकटी प्रखंड को छोड़ कर शेष आठ प्रखंड के चिह्नित गांवों में इस बार छिड़काव किया जा रहा है। सिकटी में बीते चार साल से कालाजार का एक भी मामला सामने नहीं आया है। इसलिये इसे कालाजार मुक्त प्रखंड माना जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रभावित गांवों में निर्धारित मापदंड के अनुरूप छिड़काव संपन्न कराया जाना है। इसे लेकर कर्मियों को खासतौर पर प्रशिक्षित किया गया है। छिड़काव से पूर्व संबंधित गांव की आशा व एएनएम के माध्यम से ग्रामीणों की इस संबंध में सूचित किया जायेगा। इसके अलावा विभिन्न माध्यम से भी अपने घरों में छिड़काव के लिये लोगों को जागरूक किया जायेगा।

सावधानी व जागरूकता से कालाजार पर पूर्ण नियंत्रण संभव

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डीवीबीडीसीओ डॉ अजय कुमार सिंह ने बताया कि जिले में कालाजार संबंधी मामलों में लगातार गिरावट जारी है। वर्ष 2007 में जहां जिले में कालाजार के 3937 मामले मिले थे। वहीं 2022 में वीएल के 17 व पीकेडीएल के 05 मरीज मिले। वर्ष 2023 में वीएल मरीजों की संख्या 05 व पीकेडीएल की संख्या 01 थी। वहीं 2024 में अब तक वीएल के 06 व पीकेडीएल के 01 मरीज अब तक मिले हैं। इस वर्ष  जिले के रानीगंज प्रखंड में सबसे अधिक कालाजार के 03 मरीज मिले हैं वहीं अररिया, जोकीहाट में 01-01 मरीज मिले हैं। फारबिसगंज में वीएल के एक व पीकेडीएल के एक मरीज मिलने की जानकारी उन्होंने दी।

बालू मक्खी को नष्ट करना छिड़काव का मुख्य उद्देश्य
वीबीडीसीओ रामकुमार ने बताया कि कालाजार बालू मक्खी के काटने से होने वाला रोग है। कालाजार रोधी दवा सिंथेटिक पैराथइराइड के छिड़काव का एक मुख्य उद्देश्य इस मक्खी को नष्ट करना है। बालू मक्खी नमी, अंधरे, मिट्टी के दीवार कि दरारों, चूहे के बिलों में अधिक रहते हैं। लिहाजा उक्त स्थानों पर छिड़काव खासतौर पर महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि कालाजार की जांच व इलाज जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में नि:शुल्क उपलब्ध है। दो सप्ताह से अधिक बुखार, पेट के आकार का बढ़ना, भूख नहीं लगना, खून कि कमी सहित मिलते जुलते लक्षण दिखने पर लोगों को तत्काल जरूरी जांच व इलाज को प्राथमिकता देना चाहिये।

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