अररिया, रंजीत ठाकुर। जिले में कालाजार उन्मूलन कार्यक्रम के तहत प्रथम चरण का छिड़काव अभियान मार्च महीने के अंत से शुरू होगा। 60 दिवसीय छिड़काव अभियान के क्रम में प्रशिक्षित कर्मी चिह्नित गांवों में डोर टू डोर जाकर कालाजार रोधी दवा सिंथेटिक पैराथायराइड का छिड़काव करेंगे। इस क्रम में कालाजार संभावित मरीजों को चिह्नित करने का कार्य भी साथ-साथ संचालित किया जायेगा। गौरतलब है कि छिड़काव अभियान जिले के सिकटी प्रखंड को छोड़कर शेष 08 प्रखंडों में संचालित होगा। सिकटी प्रखंड में बीते 04 सालों से कालाजार का कोई मामला सामने नहीं आया है। लिहाजा सिकटी को कालाजार मुक्त माना जा रहा है। छिड़काव अभियान की सफलता को लेकर जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ अजय कुमार सिंह की अध्यक्षता में आयोजित विशेष बैठक में संबंधित कर्मियों को इसे लेकर जरूरी निर्देश दिये गये हैं।
आठ प्रखंड अंतर्गत 54 गांव अभियान के तहत चिह्नित
वीडीसीओ राम कुमार ने बताया कि छिड़काव अभियान के तहत जिले के 08 प्रखंड के कुल 43 पंचायत अंतर्गत 54 गांव चिह्नित किये गये हैं. इस क्रम में 01 लाख 04 हजार 499 घरों में कालाजार रोधी दवा का छिड़काव किया जायेगा. इससे तकरीबन 05 लाख से अधिक आबादी लाभान्वित होगा। अभियान के क्रम में छिड़काव कर्मी चिह्नित गांवों में घर-घर जाकर दवा का छिड़काव करेंगे। अभियान से पूर्व स्थानीय लोगों को इस संबंध में जागरूक किया जायेगा। ताकि छिड़काव संबंधी कार्य में स्थानीय लोगों का भरपूर सहयोग प्राप्त किया जा सके।
छिड़काव से पूर्व लोगों को दी जायेगी इसकी सूचना
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ अजय कुमार सिंह ने बताया कि चिह्नित प्रभावित गांवों में निर्धारित मापदंड के अनुरूप छिड़काव संपन्न कराया जायेगा. इसे लेकर कर्मियों को खासतौर पर प्रशिक्षित किया जायेगा. संबंधित क्षेत्र की आशा व एएनएम द्वारा छिड़काव से पूर्व इसकी सूचना लोगों को दी जायेगी. इसके अलावा विभिन्न प्रचार माध्यम से लोगों को छिड़काव के महत्व के प्रति जागरूक किया जायेगा। अभियान के अनुश्रवण को लेकर जिला व प्रखंड स्तरीय स्वास्थ्य अधिकारियों की टीम गठित की जायेगी।
जिले में लगातार कम हो रहे हैं कालाजार के मामले
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ अजय कुमार सिंह ने बताया कि जिले में कालाजार संबंधी मामले लगातार कम हो रहे हैं. उन्होंने बताया कि वर्ष 2007 में जहां जिले में कालाजार के 3937 मामले सामने आये थे. वहीं वर्ष 2021 में जिले में वीएल के 22 व पीकेडीएल के 05 मरीज, वर्ष 2022 में वीएल के 17 व पीकेडीएल के 5, वर्ष 2023 में वीएल के 09 व पीकेडीएल के 02 मरीज मिले हैं। वर्ष 2024 में अब तक वीएल के 04 व पीकेडीएल के 01 मरीज मिलने की जानकारी उन्होंने दी। कालाजार नियंत्रण संबंधी उपायों की मजबूती में उन्होंने छिड़काव अभियान की सफलता को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि चिह्नित गांवों के हर एक घर में दवा का छिड़काव सुनिश्चित कराना विभाग की प्राथमिकता है. इसे लेकर संबंधित अधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश दिये गये हैं।
कालाजार की जांच व इलाज का है नि:शुल्क इंतजाम
सिविल सर्जन डॉ विधानचंद्र सिंह ने बताया कि कालाजार बालू मक्खी के काटने फैलता है। सिंथेटिक पैराथइराइड दवा के छिड़काव से बालू मक्खी के प्रभाव को पूरी तरह खत्म किया जा सकता है. इसे लेकर साल मेंं दो बार छिड़काव अभियान संचालित किया जाता है. ताकि बालू मक्खी को जड़ से समाप्त किया जा सके। उन्होंने कहा कि कालाजार संबंधी लक्षण होने पर नजदीकी अस्पताल में तत्काल इलाज कराना चाहिये। जांच से लेकर इलाज की व्यवस्था पूरी तरह नि:शुल्क है।
