फुलवारीशरीफ(अजीत यादव): फुलवारी शरीफ .पश्चिम बंगाल के एक कैदी की पटना के बेउर जेल में इलाज के दौरान मौत हो गई.हालांकि जेल प्रशासन का यह मानना है कि बीमारी के दौरान इलाज के क्रम में पटना के पीएमसीएच में गुरुवार को उसकी मौत हुई है. कैदी की मौत को लेकर पटना के बेउर जेल प्रशासन और पीरबहोर थाना के बीच शव के डिस्पोजल को लेकर विवाद शुरू हो गया.
जेल प्रशासन का यह मानना है कि कैदी की मौत पीएमसीएच में इलाज के दौरान हुई है.इसलिए यह ज़िम्मेवारी पीरबहोर थाना को बनती है जबकि पीरबहोर थाना प्रभारी से बात करने पर उन्होंने बताया कि बंदी बेऊर जेल का था इसलिए शव को डिस्पोजल कराने की ज़िम्मेवारी बेऊर जेल की है.इसे लेकर कैदी का डेड बॉडी पटना के पीएमसीएच में घंटों पड़ा रहा.
बताते चलें कि पश्चिम बंगाल का निवासी गुलाम मुर्तजा 38 वर्ष, पिता गाजी शेख जाली नोट के कारोबार में फरवरी 2021 से बेउर जेल में बंद है. बताया जा रहा है कि गुरुवार की सुबह अचानक गुलाम मुर्तजा की तबीयत बिगड़ी और इलाज के लिए उन्हें पटना के पीएमसीएच भेजा गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. बहरहाल कैदी की मौत के बाद बेऊर जेल और पटना के पीरबहोर थाना पुलिस एक दूसरे पर अपनी जिम्मेदारी थोपता हुआ नजर आया .
एक परिजन ने बताया कि गुलाम मुर्तजा के मृत्यु की सूचना उन्होंने उनके परिजनों को पश्चिम बंगाल दिया है.पश्चिम बंगाल से उनके परिजन गुरुवार की सुबह चले हैं.उनके पटना पहुंचने में शाम हो सकती । इस बीच लोगों ने आरोप लगाया कि जब वे पीएमसीएच पहुंचे तो देखा कि गुलाम मुर्तजा का शव एक में यूं ही पड़ा हुआ है. उन्होंने बताया कि जब उन्होंने वहां के कर्मियों से पोस्टमार्टम की बात कही, तो पोस्टमार्टम के बदले में उनसे पैसे की मांग की गई.