फुलवारी शरीफ, अजीत. राजधानी पटना के फुलवारी शरीफ स्थित ऐतिहासिक उदासीन नानक शाही मठ की बदहाली को लेकर रविवार को मठ प्रांगण में आमसभा का आयोजन किया गया. इस बैठक में बड़ी संख्या में समाजसेवी, सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ता और स्थानीय नागरिक शामिल हुए.
बैठक में पूर्व में बिना आमसभा किए गए समिति गठन को असंवैधानिक और दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया. मौजूद सदस्यों ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि वर्तमान समिति वर्षों से मठ के विकास के नाम पर कुछ भी नहीं कर सकी.
सभा में नाराजगी जताते हुए कहा गया कि समिति में शामिल कुछ सदस्य खुद सरकार में होने के बावजूद मठ का कायाकल्प नहीं करवा सके, जबकि व्यक्तिगत लाभ और पद प्रतिष्ठा में लगातार वृद्धि कर रहे हैं.
जनभावनाओं को देखते हुए निर्णय लिया गया कि अब एक नई समिति गठित की जाएगी. इस समिति में वार्ड पार्षद, हिन्दू समाजसेवी तथा धार्मिक कार्यों से जुड़े जागरूक और सम्मानित लोगों को शामिल किया जाएगा. नई समिति मठ के जीर्णोद्धार के साथ-साथ इसे हिन्दू सांस्कृतिक केंद्र के रूप में स्थापित करेगी.
सभा में यह भी तय हुआ कि फुलवारी संगत पर एक भव्य मठ मंदिर का निर्माण कराया जाएगा. यह स्थान हिन्दू समाज की आस्था और आत्मबल का प्रतीक बनेगा. इस हेतु सभी हिन्दू नागरिकों से चंदा व सहयोग देने की अपील की गई है.
महंत दयानंद मुनि ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार एक ओर राजधानी पटना के विभिन्न मुस्लिम धार्मिक स्थलों—जैसे खानकाह, मदरसे और कब्रिस्तानों पर—करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, वहीं प्राचीन उदासीन नानक शाही मठ उपेक्षा का शिकार बना हुआ है.
उन्होंने कहा कि यह मठ न केवल ऐतिहासिक महत्व का केंद्र है, बल्कि हिन्दू समाज की सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक भी है. बावजूद इसके सरकार की चुप्पी और उदासीनता से हिन्दू समाज के एक बड़े तबके में भारी असंतोष है.
सभा में यह चेतावनी भी दी गई कि यदि सरकार और प्रशासन ने शीघ्र कदम नहीं उठाया तो हिन्दू समाज को आंदोलन का रास्ता अख्तियार करना पड़ेगा.
सभा के अंत में सभी उपस्थित लोगों ने एक स्वर में अपील की कि हर हिन्दू नागरिक इस पुनीत कार्य में भागीदारी करे और सामाजिक समरसता के साथ हिन्दू एकता का परिचय दे. नई समिति के सदस्यों की सूची शीघ्र सार्वजनिक की जाएगी.
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