फुलवारीशरीफ, अजीत कुमार। पटना–डोभी फोरलेन बनने के बाद फुलवारी शरीफ और संपतचक प्रखंड के अधिकांश गांवों में प्याज की खेती लगभग बंद हो चुकी है. हाईवे निर्माण से जमीन के दाम अचानक आसमान छूने लगे. जहां पहले लाखों की जमीन बिकती थी, अब वही करोड़ों में बिक रही है.जानकारी के अनुसार मौलाना बुदू चक, निसरपुरा, नत्थूपुर, इस्माइलपुर, अलीपुर, नदीयावा, गंजपर, सकराईचा, पलंगा, टरवा, सुईथा, ठुड्डीपुर, बेऊर, हसनपुरा, परसा और सिमरा जैसे गांवों में पहले बड़े पैमाने पर प्याज की खेती होती थी. लेकिन फोरलेन के निर्माण के बाद जमीन का बड़ा हिस्सा सड़क में चला गया और बची हुई जमीन की कीमतें इतनी बढ़ गईं कि किसानों ने खेती छोड़ दी।
गांव के लोगों ने बताया कि करोड़ों रुपये मिलने के बाद गांवों का पूरा रहन–सहन बदल गया. पहले जहां कच्चे घर थे, अब वहां पक्के मकान खड़े हैं. कई लोगों ने कारोबार में पैसा लगाना शुरू कर दिया है. वहीं खेती–किसानी अब न के बराबर हो रही है।
हालांकि फुलवारी शरीफ प्रखंड के अब चंद गांव और संपतचक प्रखंड के चिपुरा गांव में आज भी प्याज की खेती जारी है. चिपुरा गांव में फिलहाल 1000 बीघा से अधिक रकबे में प्याज की खेती हो रही है. किसान बताते हैं कि यहां से प्याज ट्रकों में लोड कर व्यापारी सीधे असम और गुवाहाटी तक ले जाते हैं।
