बिहार

पर्यावरण संरक्षण को लेकर भगवान गौतम बुद्ध के जन्मभूमि से ज्ञानभूमि तक बोधिवृक्ष रोपण के साथ पद यात्रा

अररिया, रंजीत ठाकुर भगवान गौतम बुद्ध के जन्मभूमि से ज्ञानभुमि तक पर्यावरण संरक्षण को लेकर बोधिवृक्ष कोरिडोर निर्माण के क्रम में शनिवार से दो दिवसीय जनजागरण पदयात्रा प्रकृति संस्कृति संरक्षण अभियान का नेतृत्व कर रहे, वृक्ष मानव के नाम से परिचित सुरेश शर्मा के द्वारा सामूहिक रूप से देव वृक्ष शिवलिंग् व रुद्रा के पौधे लगा कर कपिलवस्तु के तिलौराकोट-लुम्बिनी से पदयात्रा का प्रारम्भ किया गया वहीं यह पद यात्रा भारत बिहार, उत्तरप्रदेश, उतराखण्ड, हरियाणा, उडिसा, हिमाचल प्रदेश सहित अन्य राज्य से पर्यावरण अभियानी के साथ ही नेपाल के विभिन्न प्रदेश अभियानी की उपस्थिति है।

जिसमे प्रमुख रूप से नेपाल सरकार के पुर्व मंत्री तथा भारत के लिए नेपाल के पुर्व राजदुत दिप कुमार उपाध्याय पुर्व मंत्री दान बहादुर चौधरी प्रदेश सांसद सुधाकर पाण्डे आयोजक संस्था जनकपुरधाम वन प्रवाधिक समाज के महा सचिव वृक्ष मानव सुरेश शर्मा पीपल नीम तुलसी अभियान पटना के धर्मेंद्र कुमार सहित काफी संख्या में पर्यावरण अभियानी सहभागी है। इस कार्यक्रम के सम्बन्ध मे जानकारी देते हुए पर्यावरण अभियंता सुरेश शर्मा ने कहा की प्रकृति से जुड़कर के हम सबको जीना सीखना होगा, इनकी जड़े हमे औषधी देती है, ये फल देते है फूल देते है, क्या नही देते है। पेड़ कितना ही बूढा क्यो न हो जाये व फल नही तो छाव तो जरूर देता है

जिस दिन हमारा पृथ्वी पर अंतिम दिन होगा उस दिन हमारा अंतिम संस्कार भी पेड़ की लकड़ियों से ही होगा। उन्होने कहां की मरना सभी को है, मरने के बाद हमारे संस्कार के लिए जीवित रहे इसलिए हर ब्यक्ति कम से कम 10 पेड़ अवश्य लगाएं ताकि पर्यावरण सुरक्षित रहे, उंहोनो कहा कि पेड़ का फल सभी धर्म को मिलता है। ये भेदभाव नही करते है, हम भी दोनों देश के नागरिक मिलकर पर्यावरण संरक्षण के साथ ही एकता का संदेश देते है इसलिए हम भी प्रकृति को सहेजने वृक्षारोपण करे व हम आने वाली पीढियो के लिए अभी से कुछ करके जाए। वृक्षो ने हमारे लिए वह दिया जो कार्बनडाई आक्साइड को ऑक्सीजन में परिवर्तित करती है। हमारी जिंदगी के लिये, हमारे जीवन के लिए ये पेड़-पौधे कितने आवश्यक है, इनके बिना तो हमारा जीवन ही सम्भव नही है।

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देश को 500 करोड पौधो की आवश्यकता

उन्होने कहां की पतझड़ में सारे पत्ते झड़ जाते है हमारी तरह पेड़ दिगम्बर हो जाते हैं। हमारी रक्षा-सुरक्षा के लिए हमारे जीवन के लिए पेड़ पौधों ने पत्तो का त्याग कर दिया। गर्मी के दिनों में यदि पेड़ पौधे हरे भरे नही होंगे तो न जीव जंतु बचेगे और न ही मानव बचेंगें। हमारा लक्ष्य 1 करोड़ वृक्ष लगाने का है। इस देश को 400 से 500 करोड़ वृक्षो की आवश्यकता है। तेज गति से पेड़ कटते रहे तो तापमान और बढ़ जाएगा। कुछ दिनो पूर्व दिल्ली का तापमान 52 डिग्री पहुँच गया था हम लोग तो 45-47 डिग्री में ही परेशान हो जाते है। इस तापमान को कम करने के लिये हमें पेड़ लगाने की आवश्यकता है।

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