मनेर, संवाददाता। पेयजल को लेकर सरकार नल जल योजना चला रखी है। लेकिन नल जल की हकीकत जमीन पर कुछ और ही है। मनेर प्रखंड के 19 पंचायत में नल जल को लेकर लूट खसोट जारी है लोगों की पानी तो मिलना तो दूर कहीं नल जल दिखाई भी नहीं पड़ता है सात निश्चय की योजना धरातल पर उतरने के बजाय सरकारी पदाधिकारी से लेकर प्रतिनिधी तक लूट खसौट कर रहे हैं। ताजा मामला पटना जिला के मनेर प्रखंड के सिंघाड़ा पंचायत का शेरभुक्का गांव का है। जहां पर पिछले 10 दिनों से सैकड़ो घर के लोग पीने के पानी को लेकर दर-दर भटक रहे है।लेकिन पानी नहीं मिल पा रहा है। किसी तरह गांव के लोग दूसरे लोगों के घर से पानी लेकर प्रतिदिन का कार्य कर रहे है। इसे लेकर भी काफी परेशानी है।
ग्रामीणों के माने तो बिजली विभाग ने पैसा बकाया रहने के कारण 28 मार्च 2025 को कनेक्शन काट दी थी। उसके बाद से ग्रामीण पानी को लेकर परेशान है। हालांकि नल जल विभाग के देखरेख करने वाले का अभी तक कोई अता पता नहीं है। ग्रामीणों को समझ में नहीं आ रहा है कि अब क्या करे। एक तो आग उगलती गर्मी दूसरा पानी की किल्लत, ऐसे में लोगों के पास मरने के सिवा कोई चारा नहीं दिखता। क्योंकि अब चापाकल भी पूरी तरह से बंद है। मनेर के स्थानीय लोगों ने बताया कि सात निश्चय योजनाओं को धरातल पर उतरने के बजाय सरकारी पदाधिकारी एवं जनप्रतिनिधि लूट खसौट कर रहे हैं। मनेर प्रखंड के 19 पंचायत का हाल बेहाल है। नल जल को लेकर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है। लोग अब सरकार के दुआ व आश्वासन के भरोसे जिंदा है।