अररिया, रंजीत ठाकुर हमारे पेट में कई तरह के कृमि का होना सामान्य बात है. बच्चे से लेकर बूढ़े तक के आंतों में ये कृमि पाये जाते हैं. लेकिन पेट में कृमि की अधिकता जहां बच्चों के शारीरिक व मानसिक विकास को प्रभावित करता है. तो वहीं ये एनीमिया के मुख्य कारणों में से एक है. कृमि के दुष्प्रभाव से बच्चों व किशोरों को निजात दिलाने के उद्देश्य से आगामी 04 मार्च को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के मौके पर जिले में विशेष अभियान संचालित किया जायेगा. अभियान के क्रम में 01 से 19 साल तक के बच्चों को कृमि नाशक दवा का सेवन सेवन कराया जायेगा. अभियान में किसी कारण दवा सेवन से वंचित बच्चों को दवा का सेवन सुनिश्चित कराने के उद्देश्य से 07 मार्च को मॉप अप दिवस का आयोजन किया जायेगा. ताकि शत प्रतिशत लक्षित बच्चों को दवा का सेवन सुनिश्चित कराया जा सके.
जिले में 18.25 लाख बच्चों को दवा सेवन कराने का लक्ष्य
एनडीडी कार्यक्रम के जिला समन्वयक शाहीद रेजा ने बताया कि अभियान के क्रम में आंगनबाड़ी केंद्र के माध्यम से 01 से 05 साल तक के बच्चे व 06 से 19 साल तक के स्कूल नहीं जाने वाले बच्चों को चिह्नित कर कृमि नाशक दवा का सेवन कराया जायेगा. वहीं स्कूली शिक्षकों की मदद से स्कूली बच्चों को दवा का सेवन कराया जायेगा. अभियान के तहत जिले में 18.26 लाख बच्चों को दवा सेवन कराने का लक्ष्य निर्धारित है. निर्धारित लक्ष्य की प्राप्ति के लिये जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्र, सरकारी व गैर सरकारी विद्यालयों में एक साथ अभियान संचालित किए जाने की जानकारी उन्होंने दी.
अभियान की सफलता को लेकर किया जा रहा जरूरी प्रयास
जिला सामुदायिक समन्वयक सौरव कुमार ने बताया कि अभियान की सफलता को लेकर विभिन्न स्तरों पर जरूरी प्रयास किये जा रहे हैं. इसे लेकर आईसीडीएस, शिक्षा विभाग, जीविका सहित संबंधित विभिन्न विभागों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करते हुए अभियान की सफलता में उनसे आवश्यक सहयोग लिया जा रहा है. वहीं विभिन्न सरकारी व गैर सरकारी विद्यालय, मदरसा, संस्कृत स्कूल, केंद्रीय विद्यालय, नवोदय विद्यालय, तकनीकी संस्थान के प्रमुख से साथ विभिन्न स्तरों पर बैठक आयोजित कर उन्हें अभियान के संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए अभियान की सफलता में अपेक्षित सहयोग व समर्थन की अपील की गयी है. निर्धारित आयु वर्ग के बच्चों को चिह्नित कर ड्यू लिस्ट तैयार गया है. चिह्नित बच्चों को प्रशिक्षित कर्मी की देखरेख में दवा का सेवन सुनिश्चित कराया जायेगा.
प्रखंडवार उपलब्ध कराया गया है पर्याप्त दवा
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी सह अभियान के नोडल अधिकारी डॉ मोईज ने बताया कि अभियान की सफलता को लेकर संबंधित कर्मियों को जरूरी प्रशिक्षण दिया गया है. सभी प्रखंडों को पर्याप्त मात्रा में दवा उपलब्ध करायी गयी है. उन्होंने बताया कि 01 से 02 साल के बच्चों को अल्बेंडाजोल की आधी गोली का चूर्ण बनाकर साफ पानी के साथ खिलाना है. वहीं 02 से 04 साल के बच्चों को पूरी गोली का चूर्ण साफ पानी के साथ खिलाया जाना है. 04 साल से अधिक उम्र के बच्चे जो दवा चबा कर खाने में असमर्थ हों उन्हें दवा चूर्ण बनाकर सेवन कराया जाना है. वहीं इससे अधिक उम्र के बच्चे दवा चबा कर सेवन करेंगे.