अमेरिका, (न्यूज़ क्राइम 24) टैरिफ वार के विरुद्ध बिहार की राजधानी पटना में स्वदेशी जागरण मंच और कन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) बिहार का एक संयुक्त बैठक आयोजित किया गया, अमेरिका द्वारा शुरू किया गया टैरिफ बार से संपूर्ण विश्व सहित भारत भी चुनौतियां का सामना कर रहा है, आर्थिक संगठन स्वदेशी जागरण मंच और ट्रेड संगठन कैट के संयुक्त बैठक में भारत सहित बिहार की आर्थिक हितों पर परिचर्चा की गई, अमेरिका विश्व की आर्थिक शक्ति है और साथ में उसकी तानाशाही प्रवृत्ति से भारत और बिहार कैसे इस चुनौती को अवसर में बदले इस पर आपस में विचार विमर्श किया गया
कैट के नेतृत्व में बिहार के 38 जिला में ट्रेड वॉर की चुनौती को अवसर में बदलने का कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा, देश आर्थिक रूप से संपन्न हो इसके लिए स्वदेशी जागरण मंच लगातार आर्थिक संगठनों के साथ प्रयासरत है, आज कैट की ओर से व्यापार की कई चुनौतियों को सामने रखा गया, अमेजॉन और ई-कॉमर्स की नीतियां भारत के छोटे व्यापारियों को आर्थिक नुकसान को भी बताया गया, आज भारत के परंपरा और संस्कृति पर भी इस व्यापार वार के कारण परिवार सहित संस्कृति ,का नुकसान भी हो रहा है ऐसे में अब चुप रह कर बैठने से हमारी विश्व नेतृत्व करने की क्षमता पर भी सवाल उठने लगा है, बिहार आंदोलन की भूमि रही है बिहार कई आंदोलन को सफलतापूर्वक नेतृत्व प्रदान किया है
आज की बैठक में कैट बिहार के अध्यक्ष अशोक कुमार वर्मा , कैट की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कमल कुमार नोमानी , कैट की राष्ट्रीय सचिव डॉ रमेश गांधी , कैट बिहार कोषाध्यक्ष प्रिंस कुमार, कैट की पटना महानगर अध्यक्ष राकेश कुमार डालमिया , महासचिव राजकुमार , कैट मोतिहारी के अध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार स्वर्णकार , राष्ट्रीय वैश्य महासभा के पटना जिला अध्यक्ष सुजीत कुमार कसेरा , वैश्य चेतना मंच के सुंदर शाहू,कैट हाजीपुर के मनोज कुमार निराला , युवा व्यवसायी,सौरभ कुमार , व्यवसायी शिव गुप्ता , स्वदेशी जागरण मंच के क्षेत्र संगठन श्री अजय उपाध्याय जी, स्वदेशी जागरण मंच दक्षिण बिहार के सहसंयोजक स्वावलंबी भारत अभियान के समन्वयक डॉ, संजीव कुमार सिंह , साइन सिविल सर्विसेज के डायरेक्टर गुलशन कुमार , पटना महानगर के सहसंयोजक संदीप कुमार , पटना ग्रामीण के संयोजक प्रमोद सिंह सभी वक्ताओं ने एक सूत्र से अमेरिका और चीन की चुनौती की सामना कैसे करें इसे स्थानीय स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक लोकतांत्रिक तरीके से आंदोलन के रूप में कार्य करेंगे।
इसमें एक धक्का और दो: WTO तोड़ दो, अमेरिकन कंपनी: भारत छोड़ो के उद्घोष के साथ एक अगली तारीख को पूरे व्यवसायिक संगठनों के साथ बैठक करने का निर्णय लिया गया है। इसमें 5 सदस्यों की एक कमेटी बनाई गई है जिसके सदस्य हैं कमल नोपनी,अशोक कुमार वर्मा, डॉ रमेश गांधी, प्रिंस कुमार और सुंदर शाहू।