अररिया, रंजीत ठाकुर ज्येष्ठ मास की अमावस्या गुरुवार को नरपतगंज प्रखंड के घुरना बाजार में सुहागिन महिलाओं ने आस्था और विश्वास का पर्व वट सावित्री का व्रत रखकर बरगद पेड़ की पूजा व परिक्रमा कर अटल सौभाग्य की कामना की । काफी संख्या में प्रातः काले ही सुहागिन महिला अपने पति की दीर्घायु के लिए बरगद के पेड़ का परिक्रमा कर धागा बांधी । पति की दीर्घायु के लिए व्रत करती महिलाओं ने माता सावित्री को सोलहों श्रृंगार की वस्तुएं , विभिन्न प्रकार के फल ऋतु फल ,लीची ,आम ,खीरा ,केला, अंगूर मिठाई चढा कर अखंड सौभाग्य का वरदान मांगी । नवविवाहित सुहागिन महिला पूरे विधि विधान से 1 दिन पहले से ही नहाए खाए और व्रत रखती है।
वट सावित्री के दिन घर से ही बरगद के पत्ते फूलडाली फूच्ची माथे पर पंखा और गीत गाती हुई महिला घर से बरगद के वृक्ष के पास जाती है। वहां पर सावित्री व सत्यवान सहित विभिन्न प्रकार की कथा कहानी कहती है जिसे सभी सुहागन स्त्री सुनती है, सावित्री सत्यवान का कहानी विशेष महत्वपूर्ण है। इस संबंध में घुरना शिव मंदिर के पुजारी हीरा झा ने बताया कि सनातन धर्म में बरगद को देव वृक्ष माना गया है। इसके मूल में भगवान ब्रह्मा, मध्य में विष्णु और अग्र भाग में भगवान शिव रहते हैं।
देवी सावित्री भी वट वृक्ष में प्रतिष्ठित रहती हैं। इसी वट वृक्ष के नीचे सावित्री ने अपने पतिव्रत धर्म से मृत पति को फिर से जीवित कराया था। तभी से पति की लंबी आयु के लिए वट सावित्री व्रत रखा जाता है। व्रत करती सुहागिन महिलाएं पुष्पा देवी , प्रमिला देवी ,गोलकी देवी ,ज्योति देवी , मीरा देवी, बबीता देवी, चांदनी देवी ,मंजू देवी ,कल्पना देवी, कीर्तन देवी आदि ने बताया की वट सावित्री व्रत करने से पति की आयु दीर्घायु होती है तथा अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है और दांपत्य जीवन भी सुखमय व खुशहाल बना रहता है ।