पटनासिटी(न्यूज क्राइम 24): श्री गुरु गोबिंद सिंह महाविद्यालय में दो दिवसीय विचार गोष्ठी का शुभारंभ शुक्रवार को श्री गुरु गोबिंद सिंह महाविद्यालय पटना सिटी में प्रभारी प्राचार्य प्रो०(डॉ०) कनक भूषण मिश्र के प्रगतिशील नेतृत्व में दो दिवसीय विचार गोष्ठी का शुभारंभ किया गया।
इस विचार गोष्ठी का आयोजन प्राचीन भारतीय एवं एशियाई अध्ययन विभाग के द्वारा किया गया। विचार गोष्ठी का विषय था “भारतीय पुरातत्व की महत्ता” इस संगोष्ठी की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य प्रो०(डॉ०) कनक भूषण मिश्र ने किया तथा मुख्य वक्ता के रूप में प्राचीन भारतीय एशियाई अध्ययन के विभागाध्यक्ष डॉ अंबुज किशोर झा ने किया।
प्रो० (डॉ०) कनक भूषण मिश्र ने अपने संबोधन में कहा कि पुरातत्व विज्ञान है जिसके द्वारा पुरावशेषों का अध्ययन कर प्राचीन काल की संस्कृति को क्रमबद्ध ज्ञान प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि सभी प्रस्तर युगीन संस्कृतियों ऐतिहासिक काल के अंतर्गत आती है। इनके ज्ञान का मुख्य आधार मानव के भौतिक अवशेष होते हैं। जिसका तत्कालीन मानव ने उपयोग किया था।
विभागाध्यक्ष डॉ अंबुज किशोर झा ने भारतीय पुरातत्व की महत्ता को रेखांकित करते हुए भारतीय पुरातत्व का जनक सर एलेग्जेंडर, कनीघम महोदय पर प्रकाश डालते हुए बिहार के पुराविदो जिनमें डॉ बी.एस वर्मा, डॉ० बी० पी० सिन्हा, प्रो ० युगल किशोर मिश्रा, डॉ० मदन मोहन सिंह के विचारों को रखा। इससे यह प्रमाणित होता है कि पुरातत्व के माध्यम से स्मारक, सिक्के अभिलेख, मूर्तियां आदि व्यवस्थित ढंग से अध्ययन करता है।
इस अवसर पर महाविद्यालय के शिक्षक डॉ० फजल अहमद, डॉ० ज्योति शंकर सिंह, डॉ अरुण कुमार, डॉ उमेश कुमार, डॉ० अरविंद कुमार सिंह , नैक समन्वयक डॉ० विकास कुमार, डॉ० विनय कुमार अंबेडकर, डॉ० सुनील कुमार गुप्ता, तथा बड़ी संख्या में छात्र एवं छात्राएं उपस्थित थी। संगोष्ठी का विषय प्रवेश डॉ० सुनील कुमार गुप्ता ने किया। धन्यवाद ज्ञापन विभागीय शिक्षक डॉ० विनय कुमार अंबेडकर ने किया।
