बिहार

फारबिसगंज में अवैध तरीके से चल रहे हैं अस्पतालों में छापेमारी

अररिया(रंजीत ठाकुर): पूर्णिया प्रमंडलीय आयुक्त गोरखनाथ के आदेश पर फारबिसगंज में अवैध रूप से बिना निबंधन के चल रहे अस्पताल, क्लीनिक, नर्सिंग होम, पैथोलॉजी सेंटर एवं अल्ट्रासाउंड सेंटर पर स्वास्थ्य विभाग की टीम के द्वारा छापेमारी की गई। इस छापेमारी अभियान से अवैध रूप से संचालित नर्सिंग होम, क्लीनिक, अल्ट्रासाउंड और पैथोलॉजी सेंटर संचालकों में हड़कंप मच गया।

छापेमारी के डर से कई लोग अपने-अपने नर्सिंग होम, पैथोलॉजी आदि सेंटर को बंद कर फरार हो गये। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने रेफरल रोड स्थित संजीवनी हेल्थ केयर सेंटर, उजाला कंपलेक्स में एबीएस अल्ट्रासाउंड सेंटर, डॉ. तमन्ना परवीन की क्लीनिक, लाइफ केयर हॉस्पिटल, सुनीता पैथोलॉजी सेंटर,डॉ. शमा तबस्सुम के क्लिनिक, अमर ज्योति अस्पताल, आशा हॉस्पिटल आदि सेंटरों पर छापेमारी की। छापेमारी दल में पीएचसी प्रभारी डॉ. आशुतोष कुमार, डॉ. राजीव बसाक, डॉ. शाहनवाज, पंकज कुमार और रामदेव साह आदि शामिल थे। छापेमारी के क्रम में अधिकांश अस्पतालों, क्लीनिको, पैथोलॉजी सेंटर और अल्ट्रासाउंड सेंटर में खामियां पाई गई।

मामले को लेकर छापेमारी दल का नेतृत्व कर रहे पीएचसी प्रभारी डॉ. आशुतोष कुमार ने बताया कि संजीवनी हेल्थ केयर सेंटर में किसी तरह का कोई चिकित्सक नहीं था, जबकि वहां डॉक्टर शैलेंद्र दीपक का बोर्ड लगा था। लेकिन चिकित्सक से संबंधित किसी तरह का कोई कागजात उपलब्ध नहीं कराया गया। वहीं उजाला कंपलेक्स में एबीएस अल्ट्रासाउंड सेंटर का पेपर जमा किया हुआ है। चिकित्सक डॉक्टर सौरभ कुमार, एमबीबीएस का कागजात जमा है। लेकिन मौके पर सोनोलॉजिस्ट डॉक्टर सौरभ कुमार मौजूद नहीं मिले। वही कंपलेक्स में ही डॉ. तमन्ना परवीन, बीएनवाईएस डिग्रीधारी मिली, जो बिना एमबीबीएस के ही प्रैक्टिस कर रही थी। लेकिन कार्रवाई के दौरान बुलाये जाने के बावजूद वो सामने नहीं आई और मौके से फरार हो गई।

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डॉ. आशुतोष कुमार ने बताया कि लाइफ केयर हॉस्पिटल में सुनीता पैथोलॉजी सेंटर बिना निबंधन के ही संचालित पाया गया। वहीं रेफरल रोड में ही चिकित्सक डॉ. शमा तबस्सुम यूनानी चिकित्सक है और वह गायनेकोलॉजिस्ट के रूप में प्रैक्टिस करती है। यूनानी के जगह एलोपैथिक दवाइयों का सलाह देती हुई चिकित्सीय पुर्जा में पाई गई। डॉ. शमा तबस्सुम के क्लिनिक में 50 से अधिक मरीजों की भीड़ जमा थी, लेकिन कार्रवाई के डर से चिकित्सक फरार हो गई।

अमर ज्योति अस्पताल का रजिस्ट्रेशन अप्लाई होने की बात करते हुए पीएचसी प्रभारी ने बताया कि आशा अस्पताल में न ही चिकित्सक मिले और ना ही उसका रजिस्ट्रेशन है। जबकि वहां भर्ती तीन मरीजों का ऑपरेशन तुरंत हुआ, पाया गया। अस्पताल में डॉ. सुभाष कुमार सिंह और डॉ. शंकर कुमार का बोर्ड लगा पाया गया। प्रभारी डॉ. आशुतोष कुमार ने बताया कि सबों के खिलाफ विभाग की ओर से दस्तावेज अनुपलब्धता और बिना रजिस्ट्रेशन को लेकर कार्यवाही की जाएगी।

सील करने के साथ ही एफआईआर दर्ज कराया जाएगा। बताते चलें कि फारबिसगंज अनुमंडल अस्पताल के एक किलोमीटर रेंज में फर्जी व अवैध तरीके से चल रहे,दर्जनों अस्पताल का आखिर दोषी कोन मरीज या फिर सरकारी कर्मी,अन्यथा सरकार। देखना दिलचस्प यह है कि फर्जी क्लीनिक पर किस प्रकार सरकारी डंडों का प्रहार होता है।

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