झारखंड, (न्यूज क्राइम 24) धनबाद में सिखों के दसवें गुरु गोबिंद सिंह जी का 357वां चासनाला रिवर साइड में मनाया गया सिखों के नौवें गुरु तेगबहादुर के पुत्र थे. इनका जन्म पौष माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को हुआ था. तभी से हर साल इनकी जयंती मनाई जाती है.इस दिन गुरुद्वारों में भव्य आयोजन कराए जाते हैं. अरदास लगती है और विशास लंगर लगाए जाते हैं.
आप को बता दे की गुरु गोबिंद सिंह जी का जन्म बिहार के पटना साहिब में हुआ था. गुरु गोबिंद सिंह ने खालसा पंथ की स्थापना की थी. यह सिखों के इतिहास की सबसे महत्वपूर्ण घटना मानी जाती है. गुरु गोबिंद सिंह ने ही गुरु ग्रंथ साहिब को सिखों का गुरु घोषित किया था. उन्होंने अपना पूरा जीवन मानव सेवा और सच्चाई के मार्ग पर चलते हुए बिता दिया.पांच ककार गुरु गोबिंद सिंह ने खालसा पंत की रक्षा के लिए कई बार मुगलों से टकराए थे. सिखों को बाल, कड़ा, कच्छा, कृपाण और कंघा धारण करने का आदेश गुरु गोबिंद सिंह ने ही दिया था. इन्हें ‘पांच ककार’ कहा जाता है. हर सिख के लिए इन्हें धारण करना अनिवार्य है.
वंही रविवार को चासनाल रिवर साइड ने गुरु गोविंद सिंह जयंती मनाई गई 357 जयंती मनाई गई जिसमें गुरचरण सिंहहरिंदर सिंह हरभजन कौरसिं तनवीर सिंह त्रिलोक सिंह सोनू सिंह सरबगीत सिंह बलजिंदर सिंह जसबीर सिंह मंगा सिंह तजेंद्र सिंह बीबी रमन कौर बलबीर सिंह मनजीत सिंह उप्पल और हजारों लोग शामिल थे सब ने मिलकर गुरु के लंगर लिया.