बलिया(संजय कुमार तिवारी): राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन अंतर्गत गठित स्वयं सहायता समूहों के वित्तीय समावेशन विषयक बैंकर्स उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन विकास भवन सभागार में शनिवार को हुआ। सीडीओ विपिन कुमार जैन ने इसका उद्घाटन किया.
उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूह की महिलाएं दिन-ब-दिन उन्नति कर रहीं हैं। गांव की महिलाओं को स्वयं सहायता समूह में जोड़कर उनको बैंकों से वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाना तथा आजीविका के कार्यो से जोड़ना आजीविका मिशन का मुख्य लक्ष्य है। सीडीओ ने सभी बैंकों को निर्देशित किया कि जो आवेदन बैंक को भेजे जा रहे हैं, उनका सकारात्मक निस्तारण बैंक स्तर से किया जाय। छह माह पुराने पात्र सभी सक्रिय समूहों का बैंक से ऋण के लिए प्रक्रिया को पूर्ण करने का निर्देश अधिकारियों को दिया.
नाबार्ड के जिला विकास प्रबंन्धक अखिलेश झा व एनआरएलएम के जिला मिशन प्रबंन्धक अभिषेक आनंद ने सभी बैंकर्स को मिशन की रूपरेखा, अवधारणा एवं प्रबंधन, समूहों का वित्तीय समावेशन के संबंध में पीपीटी के माध्यम से जानकारी दी। एलडीएम अशोक पांडेय ने समूहों के सीसीएल के दौरान आने वाली समस्याओं के निराकरण के तरीकों पर प्रकाश डाला.
मिशन के डीएमएम राजीव रंजन सिंह ने बताया कि जनपद में योजना की शुरुआत से अब तक कुल 3 हजार 796 समूह का गठन किया जा चुका है। इसमें से 1430 समूह आंगनबाड़ी केंद्रों पर पोषाहार वितरण का काम कर रहे हैं। 18 समूह बिजली बिल की वसूली व 34 समूह सीआईबी बोर्ड का निर्माण कर रही है। कार्यशाला में पीडी डीएन दूबे, एसबीआई के मुख्य प्रबंधक शशिनाथ पांडेय, सभी बैंकों के जिला समन्वयक, विभिन्न बैंकों के शाखा प्रबंधक, इंटेंसिव विकास खंडों के खंड मिशन प्रबंन्धको ने भाग लिया।