पटना, (न्यूज़ क्राइम 24) ऑटो मेन्स युनियन ने परिवहन विभाग से आग्रह किया है कि पटना में सबसे पहले ऑटो चालकों के लिए बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराये उसके बाद तरह तरह के नियम और लोक लुभावन योजना को लागू करने की बात करे।
ज्ञात हो कि पटना राजधानी में ऑटो चालकों के लिए कहीं भी अधिकृत ऑटो स्टैंड नहीं है और नाही कहीं भी यात्रियों को बैठाने एंव उतारने के जगह चिन्हित है। जिसके कारण प्रतिदिन जगह जगह ऑटो चालकों को यातायात पुलिस कोपभाजन बनना पड़ता है और उन पर मनमाने तरीके से यातायात नियमों का हवाला देकर फोटो खींच लिया जाता है एंव उन पर 5 हजार से 2 हजार व उससे भी अधिक जुर्माना कर दिया जाता है।
ऑटो मेन्स युनियन का आरोप है कि परिवहन विभाग प्रतिदिन तरह तरह के नियम और योजना बनाती है ताकि ऑटो चालकों एंव आम जनता से यातायात नियमों के उल्लघंन करने के नाम अत्यधिक जुर्माना राशि बसूल कर राज्य सरकार के खजाने को भरा जा सके। हाल ही में परिवहन विभाग ने ऑटो चालकों पर ऐसी योजना बनाई है कि अगर किन्हीं कारणवश कोई भी ऑटो चालक अपने ऑटो का परमिट नहीं बना पाये है और दो से तीन महीनों से उपर हो गया तो उन्हें 4 हजार रुपये का फाइन भरना पडेगा और तीन महीने से उपर हो गयें तो उन्हें 20 हजार रुपये का फाइन भरना पडेगा। यह निर्णय सरासर गलत है। जबकि कोई भी ऑटो परिचालन के दौरान किन्हीं कारणवश पकडी जाती है तो उनके पास कागजात की कमी होने पर फाइन का प्रावधान है। यह सारी योजना परिवहन विभाग सिर्फ राज्य सरकार के खजाने में राजस्व बसूली करने के उद्देश्य से बना रही है जो सरासर गलत है। इस बात की जानकारी एक बयान जारी कर ऑटो मेन्स युनियन के महासचिव अजय कुमार पटेल ने दी है।