फुलवारी शरीफ, अजित .भाकपा (माले) के विधायक और केंद्रीय कमिटी सदस्य गोपाल रविदास ने वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर कड़ी आपत्ति जताई है. संयुक्त संसदीय समिति द्वारा इस विधेयक को मंजूरी देने के बाद उन्होंने इसे लोकतंत्र और अल्पसंख्यक समुदाय के अधिकारों के लिए गंभीर खतरा बताया है.
गोपाल रविदास ने इस शर्त को धार्मिक स्वतंत्रता और व्यक्तिगत अधिकारों के खिलाफ बताया.उन्होंने कहा कि भारत जैसे धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र में किसी को धर्म का प्रमाण देना संविधान के खिलाफ है. विधायक ने कहा कि इस विधेयक को विपक्ष की सहमति के बिना पारित करना लोकतंत्र के खिलाफ है. यह विधेयक बिना जनप्रतिनिधियों की समुचित भागीदारी के पारित किया गया, जो लोकतांत्रिक परंपराओं को कमजोर करता है.गोपाल रविदास ने वक्फ संशोधन विधेयक को तत्काल खारिज करने की मांग की है.रविदास ने केंद्र सरकार (बीजेपी) पर आरोप लगाया कि वह वक्फ संपत्तियों को कॉर्पोरेट कंपनियों, जैसे अदानी और अंबानी, को लाभ पहुंचाने के लिए हड़पना चाहती है.
विधायक ने कहा कि वक्फ संपत्ति का उद्देश्य उन्होंने वक्फ संपत्ति को मुस्लिम समुदाय द्वारा समाज के गरीब और जरूरतमंद तबकों की भलाई के लिए दान की गई संपत्ति बताया. उनका दावा है कि वक्फ संपत्ति का अधिकार केवल मुस्लिम समुदाय का है, और इसे सरकार या किसी अन्य को नहीं सौंपा जा सकता.