बिहार

एमओ के लिखित शिकायत पर 24 दिन बाद भी नहीं हुआ मामला दर्ज,ऐसे मामले में एसडीओ का आदेश अनिवार्य : एसपी

अररिया, रंजीत ठाकुर भरगामा प्रखंड क्षेत्र के आपूर्ति निरीक्षक रामकल्याण मंडल के द्वारा बीते 24 दिसंबर को नया भरगामा के पीडीएस डीलर मोहम्मद इशराईल एवं 25 दिसंबर को शंकरपुर पीडीएस डीलर आशा देवी व प्रबंधक संजीव कुमार मिश्र के खिलाफ सरकारी अनाज गबन के आरोप में भरगामा थाना में प्राथमिकी दर्ज करवाने के लिए लिखित आवेदन दिया गया था। लेकिन एमओ के लिखित शिकायत पर 24 दिन बीत जाने के बाद भी अबतक मामला दर्ज नहीं हो पाया है। बता दें कि एमओ ने अपने लिखित शिकायत में बताया है कि उनके द्वारा शंकरपुर पीडीएस डीलर आशा देवी एवं नया भरगामा पीडीएस डीलर मोहम्मद इशराईल के खाद्यान्न गोदाम का जांच किया गया था। जांच के दौरान दोनों पीडीएस डीलर के गोदाम में ई-पॉश मशीन के अनुसार अनाज कम पाया गया था।

जिसके बाद उन्होंने भरगामा थाना में जांच के समय का वीडियोग्राफी के साथ प्राथमिकी दर्ज करवाने के लिए लिखित आवेदन दिया था। बताया जाता है कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि आरोपित पीडीएस डीलर के द्वारा सरकारी राशन गबन किया गया है,बल्कि इस तरीके का गबन का मामला पदाधिकारियों के जांच के दौरान कई बार सामने आया है। लेकिन अबतक उचित कार्रवाई नहीं होने के कारण उक्त पीडीएस डीलरों की मनमानी चरम पर है। लोगों का कहना है कि उक्त घोटालेबाज डीलरों की लंबी पैठ होने के कारण सक्षम पदाधिकारी भी उचित कार्रवाई करने में असमर्थ हैं। लोगों ने बताया कि अनुमंडल पदाधिकारी के जांच के दौरान भी ई-पॉश मशीन के अनुसार खाद्यान्न कम पाया गया था

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लेकिन फिर भी कार्रवाई के बदले लीपापोती हीं हुआ। इस संबंध में एमओ रामकल्याण मंडल का कहना है कि वे अपने कर्तव्य का उचित निर्वहन कर रहे हैं,लेकिन वरीय पदाधिकारी इन घोटालेबाज डीलरों को बचाने में लगे हुए हैं। एमओ ने कहा कि ऐसा बात नहीं है कि बिना साक्ष्य का गलत आरोप लगाया गया है। उन्होंने बताया कि विभिन्न प्रकार के साक्ष्य के साथ थाना में शिकायत दर्ज करवाया गया है,लेकिन फिर भी अब तक मामला दर्ज नहीं होना अफसोसजनक बात है। इस संबंध में एसडीओ शैलजा पांडेय का कहना है कि उक्त डीलरों के खिलाफ कार्रवाई चल रही है। वहीं डीएसओ संजय कुमार का कहना है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए अनुमंडल पदाधिकारी कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र हैं,उन्हें इस मामले को बारीकी से देखना चाहिए था। वहीं एसपी अंजनी कुमार का कहना है कि ऐसे मामले में अनुमंडल पदाधिकारी का आदेश अनिवार्य है,लेकिन आपूर्ति निरीक्षक के द्वारा अनुमंडल पदाधिकारी का आदेश उपलब्ध नहीं करवाया गया है।

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