बिहार

बिहार के लचर स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल कैग की रिपोर्ट में खुल गया है : एजाज अहमद

पटना, (न्यूज़ क्राइम 24) बिहार प्रदेश राष्ट्रीय जनता दल के प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा कि बिहार सरकार स्वास्थ्य के प्रति गंभीर नहीं है। अब तो स्थिति यह है कि डाक्टर तथा पैरामेडिकल स्टाफ की नियुक्ति नहीं की जा रही है। सबसे बड़ी विडंबना यह है कि 21743 करोड रुपए स्वास्थ्य विभाग ने खर्च नहीं किए गये। जिस कारण श्वास व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गया है।

इन्होंने आगे कहा कि मरीजों के लिए दवा भी नहीं उपलब्ध हो पा रहे हैं और ना ही ओटी और वेंटिलेटर की सुविधा मिल पा रही है। बिहार सरकार के इस तरह की जन विरोधी नीतियों के कारण मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसी स्थिति और परिस्थितियों के कारण बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था भगवान भरोसे है।

Advertisements
Ad 1

एजाज ने कहा कि कैग (CAG) की रिपोर्ट से स्पष्ट होता है कि बिहार में स्वास्थ्य के प्रति राज्य सरकार गंभीर नहीं है और डबल इंजन सरकार के गंभीरता नहीं दिखाने के कारण आम जनों को कितनी तकलीफें हो रही है यह स्पष्ट रूप से दिखता है। मरीज को बेहतर इलाज उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं। और न ही मरीजों को एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड , जांच की सुविधा नहीं मिल पा रही है। गंभीर मरीजों के लिए आईसीऊ की सुविधा भी नहीं है। अस्पताल के भवन भी जर्जर हालात में है। इस तरह की स्थिति और परिस्थितियों का निर्माण करने वाली नीतीश सरकार सिर्फ परशेपसन जुमलेबाजी और भ्रम की की राजनीति करती है उसके अलावा कुछ नहीं है। इसी कारण नीति आयोग ने बिहार को स्वास्थ्य, शिक्षा तथा अन्य व्यवस्थाओं में फिसड्डी राज्य घोषित किया है।

Related posts

महिलाओं और शिशुओं की स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए प्रखंड अधिकारियों को दिया गया सुमन कार्यक्रम का प्रशिक्षण

पिता को मालूम नहीं बेटा को क्या हो गया है? तीन बहनों का सबसे छोटा भाई था शहीद एएसआई

सामान्य प्रशासन विभाग, बिहार ने 2022-2024 के परिपत्रों का व्यापक संकलन जारी किया

error: