बिहार

बेलगाम कार्यपालक सहायक मिलन का पत्रकारों को धमकाने का ऑडियो उच्च अधिकारियों के पास पहुंचा

अररिया, रंजीत ठाकुर भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में नौकरशाह अपने पावर के हनक में इतना सनक गए हैं कि खुद की कमियों,गलतियों और व्यवस्थाओं का दोष समाज के बीच प्रकट न हो,इसके चलते पत्रकार तक को झूठे केस में फंसाने की धमकी दे देते हैं। बताया जाता है कि शनिवार को भरगामा प्रखंड क्षेत्र के हरिपुरकला पंचायत के पंचायत भवन व आरटीपीएस काउंटर दोपहर तक बंद पड़ा था। जिसके बाद ग्रामीणों की शिकायत पर पत्रकार ने उक्त पंचायत भवन व आरटीपीएस काउंटर पर पहुंचकर कार्यपालक सहायक मिलन कुमार से आरटीपीएस कार्यालय बंद रहने का कारण जानने के लिए उनसे उनके मोबाइल पर संपर्क किया,तो उक्त पंचायत में पदस्थापित बेलगाम कार्यपालक सहायक मिलन कुमार अपने रौब के साथ पत्रकार को धमकाते हुए अभद्रता कर दी।

इसके बाद पत्रकारों ने धमकाने एवं झूठे केस में फंसाने तथा अश्लील गालियां देने वाले मनमाने कार्यपालक सहायक मिलन कुमार का ऑडियो कॉल रिकॉर्डिंग को उच्च अधिकारियों के व्हाट्सएप एवं ईमेल पर भेजकर कार्रवाई की मांग की है। अब उच्च अधिकारियों की जांच में क्या निष्कर्ष निकल कर आता है और इस बेलगाम कार्यपालक सहायक पर क्या कार्रवाई होती है यह तो समय तय करेगा। लेकिन,इस मामले में एसडीएम शैलजा पाण्डेय का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है,जांचोपरांत अगर उक्त कार्यपालक सहायक दोषी पाए जाते हैं तो उनके विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि पत्रकार के साथ कार्यपालक सहायक मिलन कुमार द्वारा किए गए इस अभद्रता को लेकर पत्रकार संगठनों में नाराजगी है और पत्रकार संगठनों ने अतिशीघ्र जिलाधिकारी से कार्रवाई किए जाने की मांग की है।

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अगर ससमय उचित कार्रवाई नहीं होती है तो पत्रकार संगठन धरना प्रदर्शन की भी तैयारी में जुटे हुए हैं। इधर,लोगों का कहना है कि भरगामा प्रखंड के सभी पंचायतों में विभाग के द्वारा आरटीपीएस काउंटर खोला गया है,जिसमें आरटीपीएस कर्मियों को नियमित बैठना है,लेकिन यहां के कार्यपालक सहायकों के द्वारा ग्रामीणों एवं पदाधिकारियों को चकमा दिया जाता है। बताया गया कि पंचायतों में पदस्थापित आरटीपीएस कर्मी अपने घर पर बैठकर सरकार से पुरे महीने का वेतन प्राप्त करते हैं,कहा कि यहां के कार्यपालक सहायक कहते हैं कि हम पंचायत सचिव एवं पंचायत के मुखिया को हीं नहीं बल्कि प्रखण्ड से लेकर जिला प्रशासन तक को भी मैनेज किए हुए हैं।

इसलिए मेरा कोई कुछ बिगाड़ नहीं सकता है,मैं आरटीपीएस काउंटर में नहीं बैठता हूं,इसका शिकायत आपलोग उच्च अधिकारियों से करते हैं,इससे क्या फायदा मिलती है..? बता दें कि पंचायत कार्यपालक सहायक को आरटीपीएस काउंटर में ससमय व नियमित नहीं बैठने के कारण लोगों को जाति,आय,निवास, जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र आदि बनाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है,जिसके कारण ग्रामीणों में आक्रोश है।

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