बिहार

आचार्य किशोर कुणाल का निधन, मुख्यमंत्री सहित विभिन्न दलों के नेताओं ने जताया शोक

पटना( अजीत यादव): महावीर मंदिर पटना जंक्शन के दान के रुपए से महावीर कैंसर संस्थान हार्ट हॉस्पिटल महावीर वत्सलय अस्पताल महावीर आरोग्य संस्थान एवं कई अस्पताल का सफलता पूर्वक संचालन करके दुनिया के सामने मिसाल काम करने वाले पटना के पूर्व एसपी रहे आचार्य किशोर कुणाल का अचानक रविवार को सुबह-सुबह हार्ट अटैक से निधन हो गया. जिस महावीर वत्सलय अस्पताल को उन्होंने स्थापित किया अंतिम सांस भी उन्होंने इस अस्पताल में ली महावीर न्याय समिति और बिहार राजधानी में कितने आसपास से जुड़कर उन्होंने कई धार्मिक आध्यात्मिक कार्य को सफलतापूर्वक संचालन किया. प्यार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद समिति विभिन्न दलों के नेताओं ने आचार कुणाल के निधन पर गहरा शोक संवेदना जाहीर किया है.

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने शोक संदेश में कहा है कि पूर्व आई॰पी॰एस॰ अधिकारी, बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद के पूर्व अध्यक्ष और महावीर मंदिर न्यास समिति के संस्थापक सचिव आचार्य किशोर कुणाल जी का निधन दुःखद। वे एक कुशल प्रशासक एवं संवेदनशील पदाधिकारी थे। उनके निधन से प्रशासनिक और सामाजिक क्षेत्र में अपूरणीय क्षति हुई है। दिवंगत आत्मा की चिर शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना है। कोई नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने अपने शोक संदेश में एक्स पोस्ट पर गम का इजहार करते हुए लिखा है पटना के महावीर मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष तथा पूर्व IPS आचार्य किशोर कुणाल जी के असामयिक निधन की खबर दुःखद है। आचार्य जी की शैक्षणिक, धार्मिक व सामाजिक क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण भूमिका रही।

ईश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान तथा शोकाकुल परिजनों को दुःख सहने की शक्ति प्रदान करें। ॐ शांति ॐ! हारून नगर फुलवारी शरीफ निवासी सामाजिक कार्यकर्ता नासूर अजमल नुशी नें अचार किशोर कुणाल के निधन पर गहरा रंग जो गम का इजहार किया है और कहा की ऐसे सामाजिक लोग विरले ही पैदा होते हैं. इनके द्वारा किए गए कार्यों और दिखाए मार्गों को लोगों को अपने जीवन में अपनाना चाहिए और समाज सेवा के क्षेत्र में ऊपर चढ़कर योगदान देना चाहिए.

आईपीएस की नौकरी छोड़ समाज सेवा के काम में ऐसे कई अनेक उदाहरण है जो किशोर कुणाल ने करके दिखाया और दूसरे लोगों के लिए आज प्रेरणा स्रोत बनकर रह गए. महावीर मंदिर के दान के रुपए से कई अस्पताल का सफल संचालन करके उन्होंने दिखाया की धार्मिक स्थलों का उपयोग कैसे किया जाता है उन्होंने यह साबित किया कि इन रूपों से गरीब मरीजों की सेवा मान्यता की सेवा की सबसे बड़ा कल्याण का काम है. महावीर कैंसर संस्थान में बच्चों सहित 18 साल तक के कैंसर मरीजों का मुफ्त इलाज एवं अन्य सभी कैंसर मरीजों के इलाज के लिए सबसे पहले महावीर मंदिर पटना के तरफ से 10000 की आर्थिक मदद शुरुआत में ही दी जाती है इतना ही नहीं मरीज की परिजनों को और मरीजों को खाने की भी सुविधा बिल्कुल मुफ्त है. दुनिया भर के कैंसर की हत्या आधुनिक चिकित्सीय सुविधाओं को महावीर कैसर संस्थान में उपलब्ध कराकर इतिहास रचने वाले आचार्य किशोर कुणाल क्या समय के निधन से महावीर कैंसर संस्थान नरेंद्र संचालित सभी अस्पताल में मरिज डॉक्टर तमाम कर्मचारी स्तब्ध रह गए एवं सभी संस्थाओं में गम का माहौल हो गया.

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पटना के पूर्व एसपी रहे किशोर कुणाल के डर व खौफ से बड़े-बड़े अपराधी या तो सरेंडर कर दिए या बिहार छोड़कर भाग गए जो बच गए उनका एनकाउंटर हो गया. पटना स्टेशन के पास वाले महावीर मंदिर से जुड़े और फिर उन्होंने ऐसी मिसाल कायम की, कि दुनिया देखती रह गई. मंदिर के दान व चंदा के रुपए से कई हॉस्पिटल का सफल संचालन करके दिखाया की धार्मिक स्थलों का समाज के नवनिर्माण में लोगों की मदद के लिए क्या स्थान होना चाहिए, न कि मंदिर मस्जिद के झगड़े खड़ा कर समाज को लड़वाना चाहिए. महावीर मंदिर में लोगों के द्वारा दिए गए दान के करोड़ों रुपए से कई अस्पताल में अत्याधुनिक चिकित्सा के सुविधा उपलब्ध कराना सरकार के बूते के भी बाहर की बात है. किशोर कुणाल की ही देन है कि आज महावीर मंदिर से जुड़े अस्पतालों द्वारा मानव सेवा को केंद्र में रखकर चिकित्सा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किए जा रहे हैं।

गरीब एवं लाचार मरीजों के इलाज एवं उचित देखभाल के लिए महावीर अस्पतालों ने अपनी एक अलग पहचान बनाई है। अभी-अभी कुछ दिन पहले ही फुलवारी शरीफ में देश का सबसे पहले बाल कैंसर अस्पताल की नींव भी किशोर कुणाल के मार्गदर्शन में मुख्यमंत्री के द्वारा रखा गया.
किशोर कुणाल वर्तमान में महावीर मंदिर न्यास समिति के सचिव थे। उन्होंने महावीर कैंसर संस्थान, महावीर वात्सल्य अस्पताल, महावीर नेत्रालय, ज्ञान निकेतन स्कूल जैसे स्वास्थ्य और शिक्षा के कई संस्थानों की स्थापना की। शिक्षा से उनके प्रेम को देखते हुए उन्हें दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय का कुलपति बनाया गया जहां उन्होंने कई बड़े सुधार किए। अयोध्या राम जन्मभूमि विवाद के निपटाले में भी उन्होंने भूमिका निभाई।

आचार्य किशोर कुणाल का जन्म मुजफ्फरपुर के बरुराज गांव के एक भूमिहार परिवार में 10 अगस्त 1950 को हुआ था। उनके पिता का रामचंद्र शाही किसान और सामाजसेवी थे। उनकी मां रूपमती देवी गृहिणी थी। किशोर कुणाल आरंभिक शिक्षा गांव के ही स्कूल में हुई थी। बरुराज हाई स्कूल से उन्होंने मैट्रिक की परीक्षा पास की और इंटर की पढ़ाई एलएस कॉजेल मुजफ्फरपुर से की। आगे की पढ़ाई के लिए पटना चले गए। साल 1970 में उन्होंने पटना विश्वविद्यालय से इतिहास विषय में स्नातक की उपाधि हासिल की। उन्होंने संस्कृत का भी गहरा अध्ययन किया। ग्रेजुएशन के साथ ही उन्होंने सिविल सेवा की तैयारी शुरू कर दिया था।आचार्य किशोर कुणाल का जन्म मुजफ्फरपुर के बरुराज गांव के एक भूमिहार परिवार में 10 अगस्त 1950 को हुआ था।

उनके पिता का रामचंद्र शाही किसान और सामाजसेवी थे। उनकी मां रूपमती देवी गृहिणी थी। किशोर कुणाल आरंभिक शिक्षा गांव के ही स्कूल में हुई थी। बरुराज हाई स्कूल से उन्होंने मैट्रिक की परीक्षा पास की और इंटर की पढ़ाई एलएस कॉजेल मुजफ्फरपुर से की। आगे की पढ़ाई के लिए पटना चले गए। साल 1970 में उन्होंने पटना विश्वविद्यालय से इतिहास विषय में स्नातक की उपाधि हासिल की. आचार्य किशोर कुमार की पत्नी पटना में बेंगलुरु में ज्ञान निकेतन स्कूल संचालित करते हैं वहीं उनके बेटे की शादी हाल ही में बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी की बेटी सांसद शामभवी चौधरी से हुई है.

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