पटना, (न्यूज़ क्राइम 24) जिलाधिकारी, पटना-सह-अध्यक्ष, रोगी कल्याण समिति, गुरू गोविंद सिंह सदर अस्पताल, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह ने कहा है कि सरकार के उद्देश्यों के अनुरूप सभी के लिए सृदृढ़, विश्वसनीय एवं गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराना जिला प्रशासन की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। अस्पताल के सुचारू काम-काज एवं सुविधाओं की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए सभी को सजग, तत्पर एवं प्रतिबद्ध रहना होगा। वे आज समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में गुरू गोविंद सिंह सदर अस्पताल के रोगी कल्याण समिति की बैठक में अध्यक्षीय संबोधन कर रहे थे। डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि विकसित बिहार एवं आत्मनिर्भर बिहार के सात निश्चय में सभी के लिए उत्तम स्वास्थ्य सुविधा के लक्ष्य की प्राप्ति हेतु सम्पूर्ण तंत्र तत्पर रहे। प्रभावी, कुशल एवं उत्तरदायी ढंग से तंत्र को क्रियाशील रखें।
डीएम डॉ. सिंह ने अधिकारियों को अस्पताल के प्रबंधन तथा कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में पारदर्शिता एवं उत्तरदायित्व तथा वित्तीय अनुशासन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। उन्होंने आईपीडी में सुधार करने, संस्थागत प्रसव को प्रोत्साहित करने के लिए लोगों में विश्वास बढ़ाने तथा रोगियों के लिए निःशुल्क दवाओं की सदैव उपलब्धता सुनिश्चित करने का निदेश दिया।
जिलाधिकारी ने कहा कि अस्पताल में चिकित्सकों एवं पारा मेडिकल स्टाफ की रोस्टर के अनुसार समय से उपस्थिति सुनिश्चित करें। रोस्टर का प्रमुखता से अस्पताल के सूचना पट्ट पर डिस्प्ले रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि रोगियों के प्रति व्यवहार ठीक रखें। वरिष्ठ नागरिकों को प्रावधानों के अनुसार हर सुविधा प्रदान करें। अस्पताल की साफ-सफाई सुनिश्चित करें। डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि सर्जरी की रात में व्यवस्था करने के लिए सिविल सर्जन को निदेश दिया गया है। ब्लड बैंक भी 24×7 क्रियाशील रहना चाहिए। आयुष्मान भारत फार्मेसी रात में भी खुला रहे। वाटर क्लीनिंग एवं टेस्टिंग के लिए पीएचईडी के गुणवत्ता नियंत्रण विंग से समन्वय कर कार्य कराने का निदेश दिया गया है। अस्पताल को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सर्टिफिकेट एवं क्लीनिकल इस्टैबलिशमेंट प्रमाण-पत्र के नवीनीकरण के लिए नियमानुसार कार्रवाई करने का निदेश दिया गया है। जिला अग्निशाम पदाधिकारी को टीम भेजकर अग्निशमन व्यवस्था की समीक्षा कर फायर एनओसी प्रदान करने के लिए विधिवत कार्रवाई करने को कहा गया है।
जिलाधिकारी ने कहा कि अस्पताल में जीविका दीदियों द्वारा दीदी की रसोई का संचालन किया जा रहा है जिससे रोगियों को निःशुल्क भोजन मिलता है। इस महीना के अन्त तक अस्पताल में साफ-सफाई एवं कपड़े की धुलाई की व्यवस्था भी जीविका के माध्यम से शुरू की जाएगी। इसके लिए जिला कार्यक्रम प्रबंधक, जीविका को विभाग से समन्वय कर आवश्यक कार्रवाई करने का निदेश दिया गया है। उन्होंने कहा कि गुरू गोविंद सिंह सदर अस्पताल में न्यूबॉर्न केयर सेंटर के पास मदर शेड एवं ओपीडी के पास रोगी-सह-परिचर वेटिंग शेड का भी निर्माण किया जाएगा। इसके लिए सिविल सर्जन एवं उप महाप्रबंधक बीएमएसआईसीएल को निदेशित किया गया है।
डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि सिविल सर्जन को यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि एसएनसीयू (स्पेशल न्यूबॉर्न केयर यूनिट) में हर सुविधा रहनी चाहिए। ऑक्सीजन आपूर्ति की सुदृढ़ व्यवस्था रखने का निदेश दिया गया। जिलाधिकारी ने कहा कि अस्पताल में अधीक्षक एवं उपाधीक्षक सहित अनेक पद रिक्त है। सिविल सर्जन को इसके लिए विभाग से समन्वय कर आवश्यक कार्रवाई करने का निदेश दिया गया।
डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि गुरू गोविंद सिंह सदर अस्पताल के पास से जिला प्रशासन द्वारा अतिक्रमण हटा दिया गया है। बाउण्ड्री की भी अच्छी व्यवस्था की गई है। फरवरी, 2025 तक नया भवन भी बन कर तैयार हो जाएगा। अस्पताल को एक मॉर्चुअरी वैन शीघ्र उपलब्ध कराया जा रहा है। रोगियों के लिए हर फ्लोर पर दो-दो आरओ की व्यवस्था की जाएगी। पेस्ट कंट्रोल के लिए आवश्यक कार्रवाई करने का निदेश दिया गया है।
आज के इस बैठक में रोगी कल्याण समिति द्वारा प्रस्तावित एजेंडा पर एक-एक कर चर्चा की गई। अस्पताल के प्रबंधन एवं संचालन पर विस्तृत विमर्श किया गया। मरीजों के हित में दवाओं एवं एम्बुलेंस की उपलब्धता, इमर्जेंसी, ऑपरेशन, पैथोलोजी, सीटी स्कैन, अल्ट्रासाउण्ड, एक्स-रे एवं अन्य सुविधा, स्वच्छता सहित विभिन्न बिन्दुओं पर सिविल सर्जन द्वारा उपस्थापित प्रस्तावों एवं प्रतिवेदन पर समिति के सदस्यों ने चर्चा की। डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि दूर-दराज और वंचित समुदाय के लोगों के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा ही एक मात्र स्रोत है। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाएं किसी भी प्रणाली की रीढ़ है, जो सभी नागरिकों को उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराती है। उन्होंने कहा कि जरूरतमंदों के इलाज को प्राथमिकता दी जाए।
अधीक्षक, गुरू गोविंद सिंह सदर अस्पताल द्वारा डीएम डॉ. सिंह के संज्ञान में लाया गया कि रोगियों के कल्याण हेतु सम्पूर्ण तंत्र सजग एवं सतत प्रयत्नशील है। अस्पताल में आने वाले रोगियों को गुणवत्तापूर्ण सुविधा उपलब्ध कराते हुए समुचित इलाज की सुदृढ़ व्यवस्था है। इमरजेन्सी में आने वाले मरीजों का समुचित इलाज किया जाता है। जीविका द्वारा संचालित ‘‘दीदी की रसोई’’ से मरीजों को निःशुल्क पथ्य सामग्री उपलब्ध कराई जाती है।
अधीक्षक, गुरू गोविंद सिंह सदर अस्पताल द्वारा डीएम डॉ. सिंह के संज्ञान में लाया गया कि अस्पताल में मरीजों के लिए 51 प्रकार का पैथोलॉजी टेस्ट उपलब्ध है। 21 प्रकार का टेस्ट रिपोर्ट सेम डे जेनरेट किया जाता है। इस वर्ष जून माह तक ओपीडी में 59,617 मरीजों को देखा गया। ओपीडी के माध्यम से भर्ती किए गए 3,085 मरीजों को आईपीडी की सुविधा उपलब्ध करायी गयी। इसी अवधि में 25,908 पैथोलोजी टेस्ट किया गया। सामान्य प्रसव की संख्या 265 तथा सिजेरियन सेक्शन की संख्या 44 है। 280 सीटी स्कैन (पीपीपी मॉडल); 7,539 एक्स-रे तथा 3,607 अल्ट्रासउण्ड की सुविधा उपलब्ध करायी गई। जिलाधिकारी ने निदेश दिया कि अस्पताल में 343 प्रकार की दवा उपलब्ध रहनी चाहिए ताकि रोगियों को यह निःशुल्क प्रदान किया जा सके। उन्होंने दवाओं का ससमय उठाव सुनिश्चित करने का निदेश दिया।
डीएम डॉ. सिंह ने अधीक्षक को जैव चिकित्सा अपशिष्ट का वैज्ञानिक तरीके से निष्पादन सुनिश्चित करने का निदेश दिया। तरल अपशिष्ट प्रबंधन पर विशेष ध्यान देने का निदेश दिया गया।
जिलाधिकारी ने कहा कि रोगी कल्याण समिति की अगली बैठक अस्पताल परिसर में ही होगी।
डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि सभी स्वास्थ्य संस्थानों में रोगियों के इलाज हेतु उत्कृष्ट सुविधा प्रदान करने के लिए उनके स्तर से स्वास्थ्य विभाग, नगर विकास एवं आवास विभाग तथा बीएमएसआईसीएल से नियमित तौर पर समन्वय स्थापित कर आवश्यक कार्रवाई की जाती है। मरीजों के कल्याण हेतु सम्पूर्ण तंत्र तत्पर है।
डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि रोगियों की अधिकतम संतुष्टि सुनिश्चित करना एवं मरीज-केंद्रित सेवा सुलभ कराना सभी का दायित्व है। दक्ष चिकित्सकों, सक्षम पेशेवरों एवं समर्पित कर्मचारियों के द्वारा मरीजों के प्रति मित्रवत वातावरण का निर्माण किया जा सकता है एवं समाज के हर ज़रूरतमंद व्यक्ति को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराई जा सकती है। उन्होंने सभी पदाधिकारियों को इस दिशा में तत्पर रहने का निर्देश दिया।
इस बैठक में जिलाधिकारी के साथ सिविल सर्जन डॉ. मिथिलेश कुमार; जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. एसपी विनायक, जिला कार्यक्रम प्रबंधक स्वास्थ्य डॉ. वीके सिंह, उप महाप्रबंधक, बीएमएसआईसीएल एवं रोगी कल्याण समिति के अन्य सदस्य भी उपस्थित थे।