अररिया, रंजीत ठाकुर। अररिया जिले में सोमवार को नगर थाना पुलिस को एक बड़ी कामयाबी मिली है। पुलिस ने एसपी (SP) के गोपनीय कार्यालय में केस की पैरवी और उसे मैनेज करने पहुंचे एक ‘फर्जी दारोगा’ को गिरफ्तार कर लिया है। हैरान करने वाली बात यह है कि यह शख्स पिछले 2 साल से पुलिस की वर्दी पहनकर इस तरह के कारनामे कर रहा था और किसी को भनक तक नहीं लगी। पुलिस ने जब उसे हिरासत में लिया तो उसके पास से एक ‘नकली पिस्तौल’ भी बरामद हुई।
15 दिन पहले हुआ था शक, बिछाया गया जाल:
नगर थाना अध्यक्ष मनीष कुमार रजक ने बताया कि यह फर्जी दारोगा 15 दिन पहले भी किसी कांड की पैरवी करने के लिए एसपी के गोपनीय कार्यालय आया था। उस समय वहां तैनात कर्मियों को इसकी गतिविधियों पर शक हो गया था, लेकिन उन्होंने उसे तुरंत नहीं पकड़ा। कर्मियों ने उसे 15 दिन बाद आने को कहा और इस बीच पुलिस ने उसे पकड़ने के लिए जाल बिछा दिया। सोमवार को जैसे ही वह दोबारा पैरवी के लिए ऑफिस पहुंचा, पुलिस ने उसे रंगे हाथों दबोच लिया। उस वक्त भी वह वर्दी में था और नकली पिस्तौल साथ रखे हुए था।
मधेपुरा का रहने वाला है ‘रणवीर’
गिरफ्तार फर्जी दारोगा की पहचान रणवीर कुमार के रूप में हुई है। वह मूल रूप से मधेपुरा के कुमारखंड दुधेला बराही, वार्ड संख्या 9 का निवासी है। जांच में पता चला कि उसकी शादी फारबिसगंज प्रखंड के ठेला मोहन गांव में हुई है और वह अपनी पत्नी के साथ फारबिसगंज बाजार में ही किराए के मकान में रह रहा था।
2 साल से कर रहा था ठगी, सिस्टम पर सवाल:
पूछताछ में खुलासा हुआ है कि रणवीर पिछले 2 साल से वर्दी का धौंस जमाकर लोगों को ठग रहा था और उनसे पैसे ऐंठ रहा था। वह खुद को असली दारोगा बताकर कार्यालय परिसर और आसपास घूमता रहता था। अब इस गिरफ्तारी ने पुलिस सिस्टम पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं कि आखिर कोई व्यक्ति 2 साल तक वर्दी पहनकर घूमता रहा और प्रशासन को इसकी भनक क्यों नहीं लगी? फिलहाल पुलिस आरोपी से सख्ती से पूछताछ कर रही है ताकि उसके द्वारा की गई अन्य ठगी के मामलों का भी खुलासा हो सके।
