बिहार

आईसीएमआर-आरएमआरआई, पटना में देशरत्न डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की 141वीं जयंती और संस्थान का 62वां स्थापना दिवस मनाया गया

Advertisements
Ad 5

पटना, (न्यूज़ क्राइम 24) आईसीएमआर–राजेन्द्र मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (आरएमआरआई), पटना में बुधवार को देशरत्न डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की 141वीं जयंती और संस्थान के 62वें स्थापना दिवस का आयोजन सम्मान और गरिमा के साथ किया गया। कार्यक्रम में देश के प्रथम राष्ट्रपति के राष्ट्र निर्माण में दिये गये अविस्मरणीय योगदान को याद किया गया तथा संस्थान की 62 वर्षों की शोध एवं जनस्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला गया।

कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि पूर्व केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री प्रो. (डॉ.) सी. पी. ठाकुर, विशिष्ट अतिथि एम्स पटना के कार्यकारी निदेशक एवं सीईओ प्रो. (ब्रिगेडियर) डॉ. राजू अग्रवाल तथा प्रो. (डॉ.) मिताली चटर्जी द्वारा डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की प्रतिमा पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलन से हुई। इस अवसर पर संस्थान के निदेशक डॉ. कृष्णा पांडेय ने सभी अतिथियों व आगंतुकों का स्वागत करते हुए संस्थान की स्थापना यात्रा और प्रमुख उपलब्धियों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि यह दिवस डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को समर्पित श्रद्धांजलि होने के साथ-साथ जनस्वास्थ्य अनुसंधान को मजबूत करने की संस्थान की निरंतर प्रतिबद्धता का प्रतीक है। मुख्य अतिथि डॉ. सी. पी. ठाकुर ने अपने संबोधन में आरएमआरआई के अनुसंधान और स्वास्थ्य सेवाओं में किये गए योगदान की प्रशंसा की। वहीं विशिष्ट अतिथि डॉ. राजू अग्रवाल ने कालाजार उन्मूलन में संस्थान की भूमिका और वैज्ञानिक प्रयासों को सराहा। प्रो. (डॉ.) मिताली चटर्जी ने “कालाजार के निदान, नियंत्रण एवं समेकित उन्मूलन में हुई प्रगति” विषय पर व्याख्यान प्रस्तुत किया, जिसे उपस्थित वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों ने अत्यंत महत्वपूर्ण बताया।

Advertisements
Ad 1

कार्यक्रम के दौरान संस्थान द्वारा प्रदत्त डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ओरेशन अवॉर्ड इस वर्ष प्रो. (डॉ.) मिताली चटर्जी, प्रमुख—फार्माकोलॉजी विभाग, आईपीजीएमईआर कोलकाता को चिकित्सा विज्ञान और जनस्वास्थ्य अनुसंधान में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए प्रदान किया गया। 1963 में स्थापित ICMR–RMRIMS ने उष्णकटिबंधीय रोगों, वेक्टर जनित संक्रमणों, आणविक निदान और सार्वजनिक स्वास्थ्य अनुसंधान के क्षेत्र में देशभर में विशिष्ट पहचान स्थापित की है। यह संस्थान पूर्वी भारत के स्वास्थ्य अनुसंधान को दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। संस्थान के वैज्ञानिकों, शोधार्थियों और कर्मचारियों द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ दी गईं। वार्षिक खेलकूद प्रतियोगिताओं के विजेताओं को सम्मानित किया गया। साथ ही 25 वर्ष की सेवा पूर्ण करने वाले कर्मियों को भी विशेष सम्मान प्रदान किया गया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. अभिक सेन ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ. वहाब अली द्वारा दिया गया।

Related posts

दो दिवसीय संतमत सत्संग का भाव आयोजन

कन्हैली मध्य विद्यालय में बीईओ ने शिक्षकों के साथ बैठक कर बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने का दिया निर्देश

अररिया नरपतगंज गलतफहमी में हुई यूपी की शिक्षिका शिवानी वर्मा की हत्या…

error: