बिहार

समुचित इलाज से टीबी की बीमारी से मिल सकती है स्थायी निजात: सिविल सर्जन

अररिया(रंजीत ठाकुर): विश्व टीबी दिवस के मौके पर जिले में विभिन्न स्तरों पर रोगियों की खोज व जागरूकता संबंधी विशेष अभियान का संचालन किया गया। जिला यक्ष्मा कार्यालय परिसर में इसे लेकर आयोजित विशेष कार्यक्रम का उद्घाटन सिविल सर्जन डॉ विधानचंद्र सिंह व सीडीओ डॉ वाईपी सिंह सहित अन्य स्वास्थ्य अधिकारियों ने सामूहिक रूप से किया।

कार्यक्रम में निक्षय मित्र योजना के लाभुकों के बीच फूड पैकेट का वितरण किया गया। इस क्रम में डीवीबीडीसीओ डॉ अजय कुमार सिंह, डीआईओ डॉ मोईज, सदर अस्पताल के प्रभारी अधीक्षक डॉ राजेंद्र कुमार, डीपीएम संतोष कुमार, जिला टीबी व एड्स समन्वयक दामोदर प्रसाद, डीएमएनई पंकज कुमार झा, डीसीएम सौरव कुमार सहित अन्य स्वास्थ्य अधिकारी व कर्मी मौजूद थे।

समुचित इलाज से टीबी से पूर्णत: निजात पाना संभव —

कार्यक्रम में सिविल सर्जन डॉ विधानचंद्र सिंह ने कहा कि समुचित इलाज से टीबी को आसानी से मात दिया जा सकता है। इसके लिये समय पर रोग की पहचान व नियमित दवा का सेवन जरूरी है।— टीबी मरीजों के लिये उचित पोषाहार का सेवन विशेष रूप से जरूरी है। वर्ष 2025 तक देश को टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य निर्धारित है। टीबी की जांच व उपचार की हर सुविधा जिले में उपलब्ध है।

उन्होंने कहा कि टीबी के कारण लोगों की कार्यक्षमता प्रभावित होती है। इससे व्यक्ति का विकास व तरक्की बाधित होता है। इस तरह परिवार व समाज व देश की तरक्की बाधित होती है। इसलिये टीबी मुक्त भारत अभियान में सामूहिक भागीदारी निभाते हुए देश को पूरी तरह टीबी मुक्त बनाना हम सब की जिम्मेदारी है। सीडीओ डॉ वाईपी सिंह ने कहा कि समय पर रोग की पहचान व इसका इलाज टीबी को जड़ से खत्म करने के लिहाज से महत्वपूर्ण है। इसके उन्मूलन को लेकर हमें सामूहिक भागीदारी निभानी होगी।

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सरकारी संस्था में जांच व इलाज का बेहतर प्रबंध –

जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ अजय कुमार सिंह ने कहा कि हर साल जिले में टीबी के 2000 से अधिक मामले सामने आते हैं। मरीजों का बड़ा हिस्सा अब भी इलाज के लिये सरकारी अस्पताल नहीं पहुंचता है । जबकि टीबी के इलाज के लिहाज से सरकारी चिकित्सा संस्थान हर दृष्टिकोण से बेहतर हैं। यहां जांच से लेकर इलाज की नि:शुल्क सुविधा है।

वहीं रोगियों को पोषाहार सेवन के लिये प्रतिमाह सहायता राशि भी दी जाती है। जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ मोईज ने कहा कि पहले टीबी को राजरोग माना जाता था। इसका कोई इलाज नहीं था। लेकिन अब इसका सुलभ व आसान इलाज सभी सरकारी चिकित्सा संस्थान में उपलब्ध है। सभी जरूरी संसाधन उपलब्ध हैं। टीबी मरीजों की खोज व समुचित इलाज के प्रति विभाग गंभीर है। हाल के वर्षों में प्राइवेट चिकित्सा संस्थानों में इलाजरत टीबी मरीजों के नोटिफिकेशन की प्रक्रिया में आयी कमी पर चिंता जाहिर करते हुए उन्होंने इसमें तेजी लाने के लिये विभागीय कर्मियों को प्रेरित व प्रोत्साहित किया।

निक्षय मित्र योजना लाभुकों के बीच फूड पैकेट वितरित –

विश्व यक्ष्मा दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान निक्षय मित्र योजना के तहत गोद लिये गये 17 मरीजों के बीच फूड पैकेट का वितरण किया गया। जिला टीबी व एड्स समन्वयक दामोदर प्रसाद ने बताया कि निक्षय मित्र योजना के तहत जिलाधिकारी अररिया द्वारा गोद लिये गये पांच, सिविल सर्जन द्वारा गोद लिये गये पांच, डॉ फजले इमान द्वारा गोद लिये गये पांच व डॉ मोईज द्वारा लिये गोद गये दो मरीजों के बीच फूड पैकेट का वितरण किया गया। पैकेट में पांच किलो चावल, आधा किलो चना दाल, आधा किलो मूंगफली, एक किलो नमक, व आधा लीटर सरसों तेल होने की बात उन्होंने कही। कार्यक्रम में डॉ फजले इमाम, विभागीय कर्मी मनोज कुमार गोस्वामी, उदय नारायण प्रसाद, रंजीत रंजन मिश्रा, श्रृष्टि कुमारी, मधु कुमारी, मो आरीफ, अविनाश कुमार साह, अनिता कुमारी, शायक वसीली, सहित अन्य मौजूद थे।

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