अररिया, रंजीत ठाकुर भरगामा प्रखंड क्षेत्र के शंकरपुर दिनकर चौक (फूटानी हाट) पर सरस्वती पूजा के शुभ अवसर पर श्रीराम सेवा संघ के तत्वाधान में 48 घंटे का तीन दिवसीय 14वां अष्टयाम महायज्ञ सम्पन्न हुआ। श्रीराम सेवा संघ यज्ञ समिति की ओर से आयोजित महायज्ञ का शुभारंभ तीन फरवरी को हुआ था। तीन दिनों तक निर्बाध रूप से शंकरपुर,सिमरबनी,जयनगर, भरगामा गांवों की कीर्तन मंडली द्वारा ‘हरे राम, हरे कृष्णा के उद्घोष से पूरा माहौल भक्तिमय बना हुआ रहा। श्रीराम सेवा संघ के वरीय सदस्य अंजनी सिंह,मुन्ना मिश्रा,रुचिर मिश्रा,गौतम सिंह,नितेश सिंह,राहुल मिश्रा,कौशिक सिंह,बौआ झा आदि ने बताया कि अष्टयाम का अर्थ है आठ पहर।
एक दिन-रात में आठ याम होते हैं इसलिए इसे अष्टयाम से अभिहित किया जाता है। महायज्ञ समष्टि प्रधान होता है। अत: इसमें व्यक्ति के साथ जगत कल्याण और आत्मा का कल्याण निहित रहता है। इसलिए महर्षि भारद्वाज ने कहा है कि सुकौशलपूर्ण कर्म हीं यज्ञ है और समष्टि सम्बन्घ से उसी को महायज्ञ कहते हैं। यज्ञ समिति के पंडित सुशील झा ने बताया कि दिनकर चौक पर सरस्वती पूजा के शुभ अवसर पर अष्टयाम महायज्ञ का शुभारंभ वर्ष 2010 में हुआ। इस मौके पर श्रीराम सेवा संघ की ओर से प्रसाद वितरण व भंडारा हुआ। महायज्ञ के सफल आयोजन में प्रशांत झा,राजेश सिंह,रविन्द्र कुंवर,सुजीत कुंवर,अरविन्द यादव आदि सक्रिय रूप से लगे रहे।