राँची(न्यूज़ क्राइम24): कुख्यात मानव तस्कर पन्ना लाल के सहयोगी गोपाल उरांव को खूँटी से एनआईए ने गिरफ्तार किया है।एनआईए ने खूंटी जिले के मुरहू थाना क्षेत्र के रहने वाले गोपाल उरांव को मानव तस्करी रैकेट के कांड संख्या आरसी 09/2020 के मामले में गिरफ्तार किया है।गोपाल उरांव गिरफ्तार आरोपी पन्ना लाल महतो का करीबी सहयोगी था और मानव तस्करी रैकेट में सक्रिय रूप से शामिल था।गौरतलब है कि खूंटी जिले एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग थाना में 19 जुलाई 2019 को दर्ज मानव तस्करी के मामले को एनआईए ने टेकओवर कर इसकी जांच शुरू की थी।
तीन प्लेसमेंट एजेंसियों की आड़ में मानव तस्करी रैकेट को चला रहे थे पन्ना लाल-
एनआईए जांच के दौरान पता चला कि आरोपी पन्ना लाल महतो और उसकी पत्नी सुनीता देवी दिल्ली में तीन प्लेसमेंट एजेंसियों की आड़ में इस मानव तस्करी रैकेट को चला रहे थे।वे झारखण्ड के गरीब और निर्दोष नाबालिग लड़कों और लड़कियों को दिल्ली और पड़ोसी राज्यों में नौकरी दिलाने के बहाने लेकर आते थे, लेकिन उन्हें कभी वेतन नहीं दिया।गिरफ्तार अभियुक्त गोपाल उरांव इस शोषणकारी काम में उनकी मदद करते थे। एनआईए के द्वारा इस मामले में चार अलग-अलग जिलों यानि पाकुड़, साहिबगंज, गुमला और खुंटी में स्थित फैसिलिटेटर्स के आवासीय परिसरों में भी तलाशी ली गई. कई अवैध दस्तावेज, रेलवे टिकट और मोबाइल हैंडसेट जब्त किए गए हैं.इस मामले में आगे की जांच जारी है।
कुख्यात मानव तस्कर पन्नालाल के खिलाफ एनआईए कर रही जांच-
झारखण्ड में मानव तस्करी के मामले की जांच एनआईए के द्वारा की जा रही है. एनआईए मुख्यालय ने झारखंड के बड़े मानव तस्कर माने जाने वाले पन्नालाल के खिलाफ दर्ज मामले की अनुसंधान टेकओवर करने की गुजारिश झारखंड पुलिस से की थी.मानव तस्कर पन्ना लाल महतो से जुड़े मामले को एनआइए ने टेकओवर करते हुए जांच कर रही है. पन्ना लाल और उसकी पत्नी सुनीता वर्ष 2003 से ही मानव तस्करी कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने 100 करोड़ की संपत्ति बनाई. पन्ना लाल झारखंड समेत ओडिशा के विभिन्न जिलों से बच्चों को काम दिलाने के बहाने बाहर ले जाकर उन्हें बेच देता था. खासकर सुदूरवर्ती इलाकों के आदिवासी बच्चों को निशाना बनाता है, जो काफी गरीब परिवार से आते थे.
दिल्ली में है तीन प्लेसमेंट एजेंसियां-
पन्ना लाल आदिवासी बच्चों को अच्छा पैसा मिलने का लालच देकर बच्चों को अपने साथ ले जाता है. पूछताछ में पन्ना लाल ने पुलिस को बताया था कि उसकी दिल्ली में तीन प्लेसमेंट एजेंसियां में हैं, जिनके माध्यम से वह मानव तस्करी कर लाए गए लड़के-लड़कियों को बाहर भेजता था. उसने यह भी स्वीकार किया था कि झारखंड और ओडिशा से ले जाए गए बच्चों से घरेलू काम, बंधुवा मजदूरी कराए जाते थे. इस काम में विभिन्न जिलों में सक्रिय दलाल और प्लेसमेंट एजेंसियां शामिल थे. कई लड़कियों को वेश्यावृति के धंधे में भी धकेल दिया गया. ये लड़कियां अभी कहां और किस हालत में हैं, उसे जानकारी नहीं थी.उसके खिलाफ खूंटी, मुरहू, जगन्नाथपुर थाना रांची, सुल्तानपुर थाना दिल्ली में ह्यूमन ट्रैफिकिंग के कई मामले दर्ज हैं.