बिहार

जापानी इंसेफलाइटिस से बचाव के लिये जेई टीकाकरण कवरेज में सुधार जरूरी

अररिया, रंजीत ठाकुर : जापानी इंसेफलाइटिस यानी जेई एक वायरल संक्रमण है। जो मुख्य रूप से संक्रमित मच्छरों के काटने से फैलता है। गौरतलब है कि गर्मी व मानसून के दिनों में जेई संक्रमण के प्रसार को खतरा काफी बढ़ जाता है. जापानी इंसेफलाइटिस का खतरा 01 से 15 साल तक के बच्चों को अधिक होता है। तेज बुखार, सिरदर्द, उल्टी, भ्रम की स्थिति व चक्कर आना, बेहोशी रोग के मुख्य लक्षणों में शामिल हैं। बच्चों को जेई संक्रमण के खतरों से बचाने के लिये स्वास्थ्य विभाग द्वारा  09 माह से 02 साल तक के बच्चों को नियत अंतराल पर जेई का दो टीका निःशुल्क लगाया जाता है। ताकि संक्रमण के खतरों को कम किया जा सके।  संक्रमण के संभावित खतरों को देखते हुए जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले में जेई टीकाकरण से वंचित बच्चों को टीकाकृत करने के उद्देश्य से विशेष अभियान संचालित कर रहा है।

इसे लेकर राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक सुहर्ष भगत ने जेई टीका से अब तक वंचित बच्चों को चिन्हित कर आगामी 30 अप्रैल तक उन्हें टीकाकृत करने का निर्देश दिया है।जापानी इंसेफलाइटिस यानी जेई एक वायरल संक्रमण है। जो मुख्य रूप से संक्रमित मच्छरों के काटने से फैलता है। गौरतलब है कि गर्मी व मानसून के दिनों में जेई संक्रमण के प्रसार को खतरा काफी बढ़ जाता है. जापानी इंसेफलाइटिस का खतरा 01 से 15 साल तक के बच्चों को अधिक होता है। तेज बुखार, सिरदर्द, उल्टी, भ्रम की स्थिति व चक्कर आना, बेहोशी रोग के मुख्य लक्षणों में शामिल हैं। बच्चों को जेई संक्रमण के खतरों से बचाने के लिये स्वास्थ्य विभाग द्वारा  09 माह से 02 साल तक के बच्चों को नियत अंतराल पर जेई का दो टीका निःशुल्क लगाया जाता है। ताकि संक्रमण के खतरों को कम किया जा सके।  संक्रमण के संभावित खतरों को देखते हुए जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले में जेई टीकाकरण से वंचित बच्चों को टीकाकृत करने के उद्देश्य से विशेष अभियान संचालित कर रहा है। इसे लेकर राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक सुहर्ष भगत ने जेई टीका से अब तक वंचित बच्चों को चिन्हित कर आगामी 30 अप्रैल तक उन्हें टीकाकृत करने का निर्देश दिया है।

अभियान के क्रम में वंचितों को टीकाकृत करने का लक्ष्य

जिले में अप्रैल 2024 से फरवरी तक 92 हजार 899 बच्चों को जेई टीका के दोनों डोस से  टीकाकृत करने का लक्ष्य था। इसमें अब तक 91 हजार 759 बच्चों को टीका के प्रथम व 80 हजार 759 बच्चों को टीका के दोनों डोज से टीकाकृत किया जा चुका है। निर्धारित लक्ष्य की तुलना में 1140 बच्चों को जेई टीका के प्रथम व टीका का पहला डोज ले चुके दूसरे डोज से वंचित कुल 11000 बच्चों को आगामी 30 अप्रैल तक संचालित विशेष अभियान के क्रम में टीकाकृत करने का लक्ष्य है।

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जेई संक्रमण से बचाव के लिये टीकाकरण जरूरी

एसीएमओ सह जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ मोइज ने बताया कि जेई का संक्रमण बच्चों के लिये जानलेवा साबित हो सकता है। टीकाकरण इससे बचाव का सबसे प्रभावशाली जरिया है। जेई टीकाकरण से वंचित बच्चों को चिन्हित करने के उद्देश्य से हाउस टू हाउस सर्वे किया जा रहा है। संबंधित क्षेत्र की आशा, एएनएम व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सर्वेक्षण की जिम्मेदारी सौंपी गई है। वंचित बच्चों को चिन्हित कर टीकाकृत किया जा रहा है। टीकाकरण संबंधी मामलों के प्रगति की प्रतिदिन समीक्षा की जा रहा है।

सामूहिक प्रयास से टीकाकरण कवरेज में होगा सुधार

सिविल सर्जन डॉ केके कश्यप ने बच्चों के जीवन की सुरक्षा के लिहाज जेई टीकाकरण को लेकर संचालित अभियान को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि समय पर टीकाकरण होने से बच्चों को जेई जैसी घातक बीमारी सामुदायिक स्वास्थ की बेहतरी के लिये भी टीकाकरण जरूरी है। सामूहिक प्रयास से  जेई टीकाकरण कवरेज में उल्लेखनीय सुधार की बात उन्होंने कही।

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