फुलवारीशरीफ, अजित। भारतीय लोकहित पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष, प्रख्यात शिक्षाविद् एवं पर्यावरणविद् गुरुदेव श्री प्रेम ने बिहार में लगातार बढ़ रही आपराधिक घटनाओं को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र भेजा है. अपने पत्र में उन्होंने प्रदेश की विधि-व्यवस्था पर गंभीर चिंता जताते हुए कहा है कि अपराधियों का मनोबल दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है, जबकि आम नागरिक असुरक्षा के माहौल में जीने को विवश हैं.वैश्य व्यापारी कारोबारी थाना का गठन की पुरजोर तरीके से मांग उठाई है. गुरुदेव ने प्रधानमंत्री कार्यालय को लिखे पत्र में बताया है कि जिस तरीके से एससी एसटी थाना का गठन हुआ महिला थाना का गठन हुआ इस तरीके से व्यापारी थाना का गठन भी किया जाए. व्यापारी वर्ग पर बढ़ती अपराध को लेकर इस थाना का गठन किया जाना अत्यंत आवश्यक है।
गुरुदेव श्री प्रेम ने लिखा है कि राज्य में हत्या, लूट, छेड़छाड़, और व्यापारियों पर हमले की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं. अपराध के बाद पुलिस केवल “दंडात्मक कार्रवाई की जा रही है” कहकर अपनी जिम्मेदारी पूरी समझ लेती है, जबकि जरूरत इस बात की है कि अपराध होने से पहले उसे रोका जाए।
उन्होंने कहा कि बिहार में थानों की संख्या बढ़ी जरूर है, लेकिन पुलिस की सक्रियता और जवाबदेही में सुधार नहीं हुआ है. अधिकतर थानेदार गश्ती के नाम पर वसूली में व्यस्त रहते हैं, जबकि आम जनता की शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई नहीं होती. उन्होंने यह भी कहा कि बिहार में निगरानी की कोई प्रभावी व्यवस्था नहीं है, जिससे अपराधी बच निकलते हैं और पीड़ित न्याय से वंचित रह जाते हैं।
गुरुदेव श्री प्रेम ने प्रधानमंत्री से मांग की है कि बिहार समेत देशभर में “व्यापारी थाना” का गठन किया जाए, ताकि व्यापारियों और ईमानदार नागरिकों के साथ हो रहे उत्पीड़न पर विशेष निगरानी रखी जा सके और ऐसे मामलों की सुनवाई व जांच अलग से हो।
उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि बिहार जैसे राज्य में जहां रोजगार और उद्योग के अवसर सीमित हैं, वहां अपराध दर इतनी ऊंची है कि आम नागरिक भय के साए में जी रहा है. जबकि दुनिया के कुछ देशों — जैसे फिनलैंड, डेनमार्क और सिंगापुर — में पांच-पांच साल में एक हत्या तक नहीं होती, वहीं बिहार में हर कुछ घंटों में एक नया अपराध सामने आ जाता है। पत्र के अंत में गुरुदेव श्री प्रेम ने केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि वह बिहार की कानून-व्यवस्था की निगरानी के लिए एक स्वतंत्र गुप्त एजेंसी गठित करे, ताकि अपराध पर प्रभावी अंकुश लगाया जा सके और जनता में कानून का भय तथा न्याय का भरोसा बहाल हो सके।
