बिहार

स्वास्थ्य सेवाओं में अपेक्षित सुधार के लिये है सामूहिक प्रयास की जरूरत : जिलाधिकारी

अररिया(रंजीत ठाकुर): जिले में गुरुवार को कोरोना टीकाकरण सहित गर्भवती महिलाओं के प्रसव पूर्व जांच को लेकर विशेष अभियान चलाया गया। राज्य में बढ़ते संक्रमण के मामलों को देखते हुए विभागीय निर्देश के आलोक में जिले में हर सप्ताह गुरुवार को विशेष टीकाकरण अभियान संचालित करने का निर्देश प्राप्त है। वहीं मातृत्व स्वास्थ्य कार्यक्रम को महत्वपूर्ण मानते हुए विभाग ने बाद में टीकाकरण अभियान के साथ-साथ प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के संचालन का निर्देश जारी किया था। विभागीय निर्देश के आलोक में जिले में पीएमएसएमए व कोरोना टीकाकरण को लेकर संयुक्त रूप से संचालित अभियान बेहद सफल रहा। जिलाधिकारी इनायत खान द्वारा स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित अभियान का लगातार मॉनेटरिंग कर रही थीं।

सामूहिक प्रयास से स्वास्थ्य सेवाओं में होगा सुधार :

जिलाधिकारी इनायत खान ने कोरोना टीकाकरण व पीएमएसएमए अभियान के तहत स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित अभियान का कई स्थानों पर औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के क्रम में भरगामा पहुंचे जिलाधिकारी ने अस्पताल में उपलब्ध स्वास्थ्य सुविधाओं, भंडार में उपलब्ध दवाओं, ओपीडी सेवा सहित आम लोगों को उपलब्ध कराये जा रहे महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में जांच की। उन्होंने कहा कि राज्य के विभिन्न जिलों के साथ अररिया जिले में कोरोना संक्रमण का खतरा लगातार बढ़ रहा है। इसको लेकर विशेष उपायों पर गंभीरता पूर्वक अमल करने का निर्देश उन्होंने स्वास्थ्य अधिकारियों को दिया। डीएम ने कहा कि कोरोना टीकाकरण पर प्रभावी नियंत्रण के साथ-साथ जिले में मातृत्व शिशु मृत्यु दर के मामलों कमी लाते हुए निर्धारित स्वास्थ्य मानकों में सुधार को लेकर एकजूट प्रयास की जरूरत है। इसको लेकर विस्तृत रणनीति के तहत निर्धारित लक्ष्य प्राप्ति की दिशा में प्रयास किया जा रहा है।

क्या कहते हैं सिविल सर्जन:-

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सिविल सर्जन डॉ विधानचंद्र सिंह ने कहा कि जिलाधिकारी के निर्देश पर स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार को लेकर जरूरी प्रयास किये जा रहे हैं। इसी कड़ी में गुरुवार को जिले में कोरोना टीकाकरण व पीएमएसएमए अभियान का संचालन साथ-साथ किया गया। उन्होंने बताया कि अभियान के तहत अंतिम रिपोर्ट प्राप्त होने तक 15 हजार से अधिक लाभुकों को टीकाकृत किया जा चुका है। वहीं पीएमएसएमए अभियान के तहत तीन हजार से अधिक गर्भवती महिलाओं का प्रसव पूर्व जांच करते हुए लगभग 300 प्रसव संबंधी जटिल मामलों को चिह्नित किये जाने की जानकारी उन्होंने दी।

पीएमएसएमए की सफलता से मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी संभव

सिविल सर्जन ने मातृत्व शिशु मृत्यु दर के मामलों में कमी लाने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व योजना का सफल संचालन को जरूरी बताया। उन्होंने कहा कि संपूर्ण गर्भावस्था के दौरान महिलाओं का नियमित अंतराल पर प्रसव पूर्व चार एएनसी जांच जरूरी है। इससे गर्भवती महिलाओं में किसी तरह के संक्रमण, एनीमिया का खतरा, गर्भ में पल रहे बच्चे का आकार व स्थिति से संबंधित किसी दोष का समय पर पता लगाकर इसका समुचित इलाज आसान होता है। प्रसव के दौरान होने वाली जटिलताएं कम हो जाती है। इससे मातृ-शिशु मृत्यु दर को काफी हद तक कम किया जा सकता है। मौके पर डीआईओ डॉ मोईज, यूएनडीपी के वीसीसीएम मो शकील आजम, भरगामा पीएचसी प्रभारी डॉ संतोष कुमार सहित अन्य स्वास्थ्य अधिकारी मौजूद थे।

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