बिहार

मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड समेत तमाम मुस्लिम एदारों को लोकसभा में पेश वक्फ बिल मंजूर नहीं : इमारत शरिया

फुलवारी शरीफ, अजित : केंद्र सरकार द्वारा लोकसभा में पेश किए गए वक्फ बिल का मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड समेत तमाम मुस्लिम संगठनों ने विरोध किया है.इमारत-ए-शरिया बिहार, झारखंड और ओडिशा के कार्यवाहक नाजिम मौलाना सईद-उर-रहमान ने कहा कि यह बिल मुसलमानों, आदिवासियों, जैन और सिख जैसे अल्पसंख्यक समुदायों के लिए स्वीकार्य नहीं है.

उन्होंने बताया कि कुछ राजनीतिक दलों द्वारा इस बिल में संशोधन के बाद इसे पेश किया गया बताया जा रहा है, “हम पहले इन बदलावों का अध्ययन करेंगे, फिर अपने अगले कदम का फैसला करेंगे. उन्होंने स्पष्ट किया कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, इमारत-ए-शरिया और अन्य मुस्लिम संस्थाएं इस बिल को अस्वीकार करती हैं.

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मौलाना सईद-उर-रहमान ने कहा कि यह बिल व्यक्तिगत संपत्ति के अधिकारों का उल्लंघन करता है. उन्होंने कहा, “अगर कोई व्यक्ति अपनी संपत्ति वक्फ करता है, ताकि वहां अस्पताल, मस्जिद या मदरसा बनाया जाए, तो सरकार को इसमें हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं होना चाहिए. वक्फ की गई संपत्ति को उसी उद्देश्य के लिए इस्तेमाल किया जाना चाहिए, जिसके लिए इसे दान किया गया था.

इमारत-ए-शरिया के अनुसार, इस बिल के प्रभावों का गहराई से अध्ययन करने के बाद सभी धार्मिक और इस्लामी संगठनों से चर्चा की जाएगी और आगे की रणनीति तय की जाएगी.मौलाना ने कहा कि अगर यह बिल समुदाय के हितों के खिलाफ हुआ, तो लोकतांत्रिक तरीके से विरोध जारी रखा जाएगा. जरूरत पड़ी तो शीर्ष अदालत का रुख भी किया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि जो राजनीतिक दल इस बिल का समर्थन कर रहे हैं, उनके प्रति आगामी चुनाव में मुस्लिम समुदाय को सतर्क रहना चाहिए. ईसके लिए हम सभी लोग एकजुट होकर बातचीत करेंगे. उसके बाद ही कोई आगे निर्णय लिया जाएगा. अगर पेश किया गया बिल हमारे इरादे और हमारे मंसूबों हमारे इंसानी हक अधिकार के खिलाफ होगा और ऐसी पार्टीयां जो इस बिल के समर्थन में है, तो हम अगले चुनाव में अपने मुसलमान समुदाय से उनका विरोध करने की अपील करेंगे.

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