बिहार

फाइलेरिया ग्रसित मरीजों द्वारा लोगों को दवा सेवन करने के लिए किया जा रहा जागरूक

कटिहार, (न्यूज क्राइम 24)   फाइलेरिया एक लाईलाज बीमारी है। इससे सुरक्षा के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले में सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है। ज्यादा लोगों द्वारा इस कार्यक्रम में तहत दवा का सेवन करते हुए फाइलेरिया से सुरक्षित रहने के लिए फाइलेरिया से ग्रसित मरीजों द्वारा भी सहयोग किया जा रहा है। ग्रसित मरीजों द्वारा लोगों को फाइलेरिया होने से जीवन में होने वाले समस्याओं से अवगत कराते हुए इस बीमारी से सुरक्षा के लिए दवा सेवन के उपयोगिता की जानकारी दी जा रही है। इससे लोगों को घर-घर दवा सेवन करवा रही आशा/सेविकाओं को भी बहुत सहयोग मिल रहा है। फाइलेरिया ग्रसित मरीजों की स्थिति देखते हुए लोगों द्वारा अपने और अपने परिजनों को आशा/सेविका कर्मियों की उपस्थिति में ही दवा सेवन करवाई जा रही है। इससे एमडीए कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन में स्वास्थ्य विभाग को बहुत सहयोग मिल रहा है।

फाइलेरिया होने से जीवनयापन बहुत मुश्किल, नहीं चाहते कोई और लोग हो इस बीमारी का शिकार :

फाइलेरिया बीमारी से ग्रसित डंडखोरा प्रखंड के चमरू यादव ने बताया कि पिछले बहुत सालों से मेरा एक पैर फाइलेरिया से ग्रसित है। फाइलेरिया से ग्रसित पैर में दूसरे पैर की तुलना में बहुत सूजन रहता है। पहले नियमित रूप से सूजन बढ़ने के साथ साथ बुखार और अन्य समस्या भी होता था। फिर स्वास्थ्य विभाग द्वारा मुझे अस्पताल में उपलब्ध एमएमडीपी किट्स के साथ- साथ ग्रसित अंग के नियमित देखभाल की जानकारी दी गई। इसके लिए हमारे द्वारा हर दिन ग्रसित अंग की साफ- सफाई करने के साथ साथ कुछ एक्सरसाइज किया जाता है। ऐसा करने से पहले की तरह हमें बुखार और सूजन नहीं होता है लेकिन ग्रसित अंग सामान्य नहीं हो सकता है।

हम नहीं चाहते कि कोई और व्यक्ति इस बीमारी का शिकार हो जाए और उसे भी मेरे तरह जीवनयापन करने में बहुत समस्या हो। लोग फाइलेरिया से सुरक्षित रह सके इसके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा साल में एक बार एमडीए कार्यक्रम चलाया जाता है जिस दौरान लोगों को आशा कर्मियों द्वारा घर-घर जाकर दवाई खिलाई जाती है। इस दवाई का सेवन करने के बाद लोग फाइलेरिया होने से सुरक्षित रह सकते हैं। उन्होंने बताया कि एमडीए कार्यक्रम के उनके द्वारा अपने क्षेत्र के लोगों को दवा सेवन के लिए जागरूक किया जा रहा है जिससे कि ज्यादा से ज्यादा लोग दवाई सेवन कर सके।

17 फरवरी तक जिले में 04 लाख से अधिक लोगों को खिलाया गया है फाइलेरिया से सुरक्षा की दवा :

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जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ जेपी सिंह ने बताया कि जिले में एमडीए कार्यक्रम का क्रियान्वयन दो स्तर पर किया जा रहा है। इसका पहला स्तर 10 फरवरी से 15 फरवरी तक बूथ स्तर पर चलाया गया जिस दौरान आशा/सेविका कर्मियों द्वारा अपने क्षेत्र के सभी स्कूलों, कार्यालयों और विभिन्न समूहों में जाकर उपस्थित लोगों को दवाई खिलाई गई है। बूथ स्तर पर जिले में 01 लाख 97 हजार लोगों को दवाई खिलाया गया है। 16 फरवरी से आशा/सेविका कर्मियों द्वारा लोगों को घर-घर जाकर दवाई खिलाई जा रही है। 17 फरवरी तक जिले में 02 लाख 08 हजार लोगों को घर-घर पहुँचकर दवाई खिलाई गई है। उन्होंने बताया कि 24 फरवरी तक जिले में एमडीए कार्यक्रम चलाया जाएगा जिस दौरान आशा/सेविका कर्मियों द्वारा 02 वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों को (गर्भवती महिलाओं और गंभीर बीमार लोगों को छोड़कर) फाइलेरिया से सुरक्षा के लिए दवाई खिलाई जाएगी।

दवा सेवन से इंकार करने वाले लोगों को पीसीआई द्वारा किया जा रहा जागरूक :

विभिन्न अफवाहों और संदेह के कारण बहुत से लोगों द्वारा फाइलेरिया उन्मूलन के लिए उपलब्ध कराई जा रही दवा का सेवन करने से इंकार किया जा रहा है। ऐसे लोगों को पीसीआई संस्था द्वारा जागरूक किया जा रहा है। पीसीआई से डीएमसी स्वर्णभ शेखर ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा लोगों को उपलब्ध कराए जा रहे दवा बिल्कुल सुरक्षित है। स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा भी इसका सेवन किया गया है और इसका कोई साइड इफेक्ट्स नहीं होता है। पीसीआई द्वारा अफवाहों का कारण दवा सेवन से इंकार करने वाले लोगों को इसकी जानकारी दी जा रही है और लोगों को फाइलेरिया ग्रसित होने से सुरक्षित रहने के लिए इस दवाई का सेवन के लिए जागरूक किया जा रहा है।

डीईसी व अल्बेंडाजोल की दवा लोगों के शरीर में घर बनाकर बैठे फाइलेरिया कीटाणुओं को करता है खत्म :

डब्लूएचओ जोनल कोऑर्डिनेटर डॉ दिलीप कुमार ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा उपलब्ध कराई जा रही डीईसी व एल्बेंडाजोल की दवा लोगों के शरीर में पहले से अपना घर बनाकर बैठे कीटाणुओं को खत्म कर देता है। ऐसे व्यक्ति जिसके शरीर में फाइलेरिया के कीटाणु नहीं हैं उन्हें कोई समस्या नहीं होती है लेकिन ऐसे व्यक्ति जिसके शरीर में कीटाणु उपलब्ध हैं उन्हें दवा सेवन करने से सामान्य समस्या हो सकती है। इसमें सर दर्द, चक्कर आना, उल्टी होना और पेट दर्द की समस्या शामिल है। इसके लिए तत्काल अतिरिक्त मेडिसिन और अन्य इलाज लोगों को नहीं करना चाहिए। ऐसा होने पर संबंधित व्यक्ति को ज्यादा से ज्यादा पानी या ओआरएस घोल का सेवन करते हुए कुछ समय आराम करना चाहिए। कुछ देर में यह समस्या खत्म हो जाती है और लोग फाइलेरिया ग्रसित होने से सुरक्षित हो जाते हैं।

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