अररिया(रंजीत ठाकुर): स्वस्थ व प्रगतिशील जीवन के लिये शारीरिक स्वास्थ्य के साथ मानसिक तौर पर स्वस्थ रहना बेहद जरूरी है। मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी किसी तरह की परेशानी होने पर लोगों के व्यक्तिगत जीवन के साथ उनकी कार्यक्षमता प्रभावित होती है। इससे उनकी उत्पादकता का ह्रास होता है। इसे ध्यान रखते हुए सदर अस्पताल सभागार में एक दिवसीय विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें अस्पताल में कार्यरत स्टाफ व नर्स व एएनएम सहित अन्य ने भाग लिया।
स्वस्थ जीवनशैली मानसिक स्वास्थ्य के लिये जरूरी-
गैर संचारी रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ राजेश कुमार की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में अस्पताल में कार्यरत कर्मियों को एनेक्सिटी डिसओडर, मूड डिसओडर, लर्निंग डिसओडर, सिजोफ्रेनिया व गेमिंग डिसओडर से जुड़ी समस्याओं से अवगत कराया गया। इसके लक्षण व उपचार से जुड़ी जानकारी कर्मियों के बीच साझा किया गया। एनसीडीओ डॉ राजेश कुमार ने बताया कि अनियमित जीवनशैली, सोशल मीडिया का अत्यधिक उपयोग, पारिवारिक व व्यक्तिगत कारणों से आज लोगों का मानसिक स्वास्थ्य तेजी से प्रभावित हो रहा है। इससे बचाव के लिये स्वस्थ जीवनशैली को अपनाते हुए, निर्धारित लक्ष्य के आधार पर अपने दैनिक कार्यों को निपटाना जरूरी है।
तनाव को नियंत्रित करने लिये रचनात्मक होने की है जरूरत-
सदर अस्पताल में कार्यरत साइकोलॉजिस्ट शुभम कुमार ने एक हालिया अध्ययन का हवाला देते हुए बताया कि वर्तमान दौर में देश में 10 में 07 युवा एंजाइटी के शिकार हैं। उन्होंने कहा कि तनाव व भावनाओं से मुकाबला के लिये रचनात्मक सोच का होना जरूरी है। तनाव को नियंत्रित करने के लिये हमें एक अच्छा श्रोता, निर्णय लेने वाला व हर हाल में तनाव मुक्त रहने आदत डालनी होगी। तभी हम अपने जीवन से जुड़ी समस्याओं का सफलता पूर्वक मुकाबला करने में सक्षम हो सकते हैं। उन्होंने विभिन्न मानसिक बीमारियों का जिक्र करते हुए इससे बचाव व समाधान के उपायों की जानकारी स्वास्थ्य अधिकारी व कर्मियों को दी। कार्यक्रम में अस्पताल प्रबंधक विकास आनंद सहित सभी स्टाफ नर्स, एएनएम व अन्य शामिल थे।